दिव्यांग मित्र मंडल पिथौरा द्वारा प्रतिवर्ष मनायी जाती है लुइब्रेल की जयंती
पिथौरा(newstoday) मानवतावादी विचारधारा के महान प्रणेता एवं ब्रेल लिपि के अविष्कारक लुई ब्रेल की जन्म जयंती दिव्यांग मित्र मंडल के संयोजन में आयोजित की गई। सर्वप्रथम दिव्यांग मित्र मंडल के पदाधिकारियों द्वारा लुई ब्रेल के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर लुइब्रेल के योगदान को स्मरण किया।
दिव्यांग मित्र मंडल के योजना प्रबंधक हेमन्त खुटे ने लुइब्रेल के जीवन परिचय से अवगत कराते हुए कहा कि लुईब्रेल बचपन से ही मेधावी प्रवृत्ति के विद्यार्थी थे।
दृढ़ संकल्प व जिज्ञासु प्रवृत्ति के होने के कारण वह हमेशा नवीन तकनीक एवं सोच के बारे में विचारमग्न रहते थे ।
आकस्मिक दुर्घटना में उनकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई। अंधकारमय जीवन को उन्होंने व्यतीत किया और दृष्टिहीनों के लिए अपने लगन और बुद्धि से ब्रेललिपि का आविष्कार किया ।जिसके माध्यम से विश्व भर के दृष्टिहीन विद्यार्थी अक्षर ज्ञान से परिचित हुए और स्पर्श मात्र से ही शिक्षा अध्ययन कर रहे हैं।
वास्तव में शिक्षा जगत के लिए लुई ब्रेल का योगदान अतुलनीय है।
दिव्यांग मित्र मंडल के प्रमुख सलाहकार डॉ डी एन साहू ने कहा कि लुईब्रेल महोदय ने अपना संपूर्ण जीवन पीड़ित मानवता के लिए समर्पित कर दिया । दृष्टिहीन होने के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने इरादे से अपने सपनों को साकार किया ।
वस्तुतः लुई ब्रेल की प्रेरणादायी कार्य हमारे समाज के लिए एक प्रकाशपुंज है। लुईब्रेल मानवतावादी कार्यो के लिए हमेशा याद किए जाते रहेंगे ।
दिव्यांग मित्र मंडल के संयोजक एवं लुइब्रेल जयंती के सूत्रधार बीजू पटनायक ने कहा कि जो व्यक्ति दूसरों के लिए जीता है और काम करता है वह मरकर भी अमर हो जाता है। अंधकारपूर्ण जीवन के चुनौतियों को जिस तरह से उन्होंने सामना किया उनका संघर्षपूर्ण जीवन हमेशा हमारे जैसे लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
लुइब्रेल के अप्रतिम योगदान का स्मरण करते हुए जन्म जयंती पर हम सादर नमन करते हैं।
दिव्यांग मित्र मंडल की महत्वाकांक्षी योजना दिव्य छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत शासकीय चंद्रपाल डड़सेना विद्यालय पिथौरा के छात्र ग्राम बोइरलामी निवासी भूपेंद्र पटेल को ₹12000 की छात्रवृत्ति एवं दसवीं ओपन स्कूल के छात्र ग्राम डोंगरीपाली पिथौरा के निवासी चितरंजन यादव को ₹6000 की छात्रवृत्ति एवं ग्राम गिरना निवासी दृष्टिहीन युवक भूपेंद्र डड़सेना को ₹500 के दिव्य सामाजिक पेंशन राशि सीधे उनके बैंक खाते में जमा करायी गई ।
दिव्यांग मित्र मंडल के योजना प्रभारी हेमन्त खुटे ने एक जानकारी में बताया कि अपने स्थापना काल से ही दिव्यांग मित्र मंडल पिथौरा प्रतिवर्ष लुइब्रेल जयंती का आयोजन करता रहा है और महान दिव्यांग विभूतियों के कार्यों को सुरता कार्यक्रम के अंतर्गत प्रस्तुतीकरण किया जाता है। इस बार हमने वृहद रूप में समारोहपूर्वक आयोजन के लिए आवश्यक तैयारी कर ली थी । करमापटपर बागबाहरा के दृष्टिहीन विद्यार्थियों को भी कार्यक्रम शामिल होने आमंत्रित किया था किन्तु छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे कोविड-19 के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए तथा शासन के दिशा निर्देशो का पालन करते हुए जयंती कार्यक्रम को एक सादे समारोह में केवल संस्था के पदाधिकारियों के साथ मिलकर मनाया।
उक्त कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य केवल दृष्टिहीन विद्यार्थियों को अभिप्रेरित कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ते हुए सामाजिक सहायता से उनके जीवन का निर्माण करना भी है।
दिव्यांग मित्र मंडल द्वारा दृष्टिहीनों के प्रति कार्य करने वाले व्यक्ति ,समाज ,संगठन को हमेशा सम्मानित करने का निर्णय भी लिया गया है।