जंगल से भटक कर गांव पहुंचे वन्य प्राणी चीतल को कुत्तों के झुंड में ज़ख्मी किया
शिव ठाकुर की रिपोर्ट
बारनवापारा(newstoday)-जंगल से भटकते एक वन्यजीव आज शुक्रवार की सुबह गांव में घुस आया।जहां गांव की सरहदी सीमा की ओर आने से इस भटके वन्यप्राणी के पीछे कुत्ते भी दौड़ते देखे गए।जिससे अपनी जान बचाने यह वन्यजीव गांव में इधर-उधर तेज भागकर लुकाछीपी करता रहा।बाद में सूचना मिलने पर वनकर्मी भी इसे बचाने इसके पीछे भागमभाग करने लगे।और जब गाँव घर की एक बाड़ी में यह वन्यजीव थक हार कर बैठ गया तो ग्रामीण सहयोग से इसके पीछलग्गू कुत्तों को खदेड़ सुरक्षा निगरानी में लगे वन अमलों ने इसे मौके पर जख्मी हालत में पकड़ पैरों में रस्सी व आंखों में कपड़े की पट्टी बांध विभागीय परिवहन गाड़ी से अपने परिसर ले गए।लेकिन इस दरम्यान तक विभागीय कोई भी स्थानीय आला अधिकारी मौका स्पाट तक नही पहुंच सके थे।सिवाय कुछ देर बाद परिक्षेत्र के एक सहायक परिक्षेत्र अधिकारी ने घायल अवस्था में मिले इस वन्यजीव को उपचार के लिए लाकर रखे उस स्थान पर पहुंच कर जरूर ही मौजूद वनकर्मियों से इसके हालत पर चर्चा बाद पशु चिकित्सक से त्वरित फोन संपर्क कर वस्तुस्थिति से अवगत करा उपचार के लिए सूचित किया।
मिली जानकारी अनुसार यह घटना बारनवापारा अभ्यारण्य अन्तर्गत के बारनवापारा परिक्षेत्र से संबंधित है।जहां शुक्रवार की सुबह सात साढ़े सात बजे के करीब वनकर्मियों ने परिक्षेत्र के 107 में घर बाड़ी से एक वयस्क नर चीतल को पकड़ने की बात कही है।मौके दौरान अमलों ने बताया कि जंगल से गांव में भटक आए यह वयस्क नर चीतल कोठारी परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 106 से यहां पहुंचा है।बताया गया कि इसके पीछे सात-आठ के लगभग कुत्ते दौड़ते देखे गए।जान बचाने गांव में यहां-वहां लुकापीछी करते तेज भागकर थक बैठने बाद इसे बाड़ी में यहां पकड़ लिया गया।मौके पर इसके पैरों में रस्सी तथा आंखों में कपड़े की पट्टी बांध रखे गए थे।इस दौरान इस वन्यजीव के शारीरिक के कई अंगों में चोट-खरोच व घांव के निशान भी देखे गए।जिसे उपचार के लिए विभागीय सुरक्षित स्थल में ले जाने पूर्व विभाग की परिवहन गाड़ी आने इंतजार करते वन कर्मियों ने मामूली जख्म बताए।जिसे बाद में जेनान मोटरगाड़ी से परिवहन कर यहां से उपचार के लिए स्थानीय काला हिरण अनुकूलन केन्द्र एफडी-168 परिसर में ले जाकर रखा गया।कुछ देर बाद बारनवापारा परिक्षेत्र सहायक अधिकारी गीतेश बंजारे ने पहुंचकर मौजूद अमलों भोलाराम ध्रुव,नेहरू निषाद उपस्थित अन्य वनकर्मियों से इस घायल नर चीतल के स्वस्थ्य के बारे में जानकारी ली।यहां पर भी उपस्थित अमलें उन्हें साधारण जख्म बताएं।बाद में इस मिडियाकर्मी ने जख्मों पर सवाल उठाया तो तुरंत ही पशु चिकित्सक से इस सहायक परिक्षेत्र अधिकारी ने वन आफिस पहुंचकर फोन संपर्क कर उपचार के लिए सूचित किया।जहां सहायक अधिकारी ने मोबाइल फोटोग्राफी दिखाने पर इस जख्मी चीतल के एक अंग के गहरे घांव को देख कुत्ते काटने से केनाइन दांत का अनुमान लगाया।उन्होंने इस मौके पर कहाकि ऐसा होता है तो रैबिज इंजेक्शन आवश्यक है।साथ ही उपचार बाद जंगल में छोड़ने की बात कही है।वहीं परिक्षेत्र अधिकारी कॄषाणु चन्द्राकर एवं वन अधीक्षक आनंद कुदरिया मौके पर इस दौरान मौजूद नही थे।