सेवानिवृत्त शिक्षक के विदाई समारोह में सम्मान पूर्वक विदाई देने उमड़ पड़े ग्रामवासी
पिथौरा(newstoday)कहते हैं शिक्षा दान महादान होता है इससे बढ़कर कोई दान नहीं,यह जात-पात,ऊंच-नीच नहीं देखता एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में के लगातार 32 वर्ष से भी अधिक सेवाएं एक ही विद्यालय में देने के बाद शिक्षक के विदाई समारोह का साक्षी बनने एवं शिक्षक का सम्मान करने पूरा गांव विद्यालय प्रांगण में उमड़ पड़ा सेवानिवृत्त होने पर उन्हें फूल माला एवं गुलाल टीका लगाकर उनका अभिनंदन किया गया एवं अपनी अपनी हैसियत के मुताबिक तोहफा देकर उनके आदर्शों का बयान किया। इस अवसर पर बहुतों की आंखें नम हो गई ग्रामीण बताते हैं कि गुरु जी ने कभी भी पालकों को शिकायत का मौका नहीं दिया इनके पढ़ाए सैकड़ों बच्चे आज उन्हें अपना आदर्श मानते हुए बेहद सम्मान करते हैं।
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सेवानिवृत्त शिक्षक अनवर खान अपनी पत्नी के साथ। |
एक लंबा सफर 32 साल 9 माह 19 दिन एक विद्यालय में सहायक सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक रहते हुए शासकीय प्राथमिक शाला जम्हर से सेवानिवृत्त हुए प्रधान पाठक अनवर खान को पूरा गांव गुरुजी कहता था एवं सम्मान करता था। विदाई समारोह में ग्रामीणों ने उनके पूरे परिवार को आमंत्रित किया कारण यही था कि शिक्षक *अनवर खान* ने अपने शिक्षकिय कार्यों में कभी लापरवाही नहीं बरती एवं समय के पाबंद थे गुरु-शिष्य के आदर्शों के साथ पालको एवं ग्रामीणों के बीच मृदुभाषी रहकर छोटे बड़ों का सम्मान इनका यही आचरण ग्रामीणों को भा जाता है।
इनके पढ़ाए छात्र की जुबानी
इनके पढ़ाएं एक छात्र ताराचंद पटेल से जब न्यूज़ टुडे ने जानना चाहा तब उन्होंने कहा कि मेरी प्रारंभिक शिक्षा गांव की सरकारी स्कूल में हुई जहां सम्मानीय अनवर खान सर शिक्षक थे उनके पढ़ाने का अंदाज कुछ ऐसा था कि एक ही बार में समझ आ जाता था किसी को समझ रही आने पर चुटीले अंदाज में छत्तीसगढ़ी बोली बोल कर समझाया करते थे जो नहीं समझने वाले विद्यार्थी के लिए आसान हो जाता था। पूरे समय अनुशासित रहकर हम विद्यार्थियों को भी अनुशासन का पाठ पढ़ाया करते थे।इनका सरल स्वभाव समस्त ग्रामवासियों के लिए प्रेरणादाई रहेगा।
पूछे गए सवाल के जवाब में अनवर खान में कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद यह इसे विदाई समारोह के रूप में नहीं देख रहे हैं बल्कि ग्रामीणों विद्यार्थियों शिक्षकों द्वारा यह मेरा सम्मान समारोह है।उन्होंने आगे कहा की सेवानिवृत्ति के पश्चात अपने परिवार को समय देने के साथ-साथ खेती किसानी करना मेरा शौक रहा है उसमें अपना समय दूंगा उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक मेरा अनुभव ले सकते हैं।मैं हमेशा शिक्षकों के साथ खड़ा हूं खड़ा रहूंगा।
विदाई समारोह कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम की एकल एवं सामूहिक प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप
से उपस्थित
आयोजित समारोह में ग्राम सरपंच श्रीमती पुष्पा बरिहा,सीताराम चौधरी,सच्चिदानंद निर्मलकर, घनश्याम पटेल,धनेश्वर पटेल,लखेश्वर प्रधान,भरत लाल चौधरी,महेंद्र कुमार चौधरी,कांता राम पटेल,शिव कुमार ठाकुर,समस्त सरपंच गण के अलावा ग्राम चांदापारा एवं गोड़बहाल संकुल के शिक्षक राम निषाद, गंगाराम,बालाराम दीवान, मनोज कुमार पटेल, विद्याधर पटेल,पवित्र कुमार कुर्रे,छविराम जगत,अरुण देवता,कैलाश ठाकुर,टीकाराम पटेल,भानुमति पटेल, हेमकुमारी पटेल,कुबेर प्रसाद पटेल,कुलेश्वर मारकंडे, माधव लाल साहू,धरणीधर चौधरी,अंजू पटेल,श्रीमती ठाकुर,जनपद सदस्य मीना पटेल सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित थे।
Zakir qureshi pithora