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Saturday, May 15, 2021

उद्घाटन की बाट देख रहा,महासमुंद जिले का इकलौता मातृ-शिशु अस्पताल


 

उद्घाटन की बाट देख रहा,महासमुंद जिले का इकलौता मातृ-शिशु अस्पताल

 

चार साल पहले बन चुकी है 10 करोड़ की लागत से बिल्डिंग


     पिथौरा @(न्यूज़ टूडे)।महासमुंद जिला का इकलौता मातृ शिशु अस्पताल को निर्माण हुए चार साल बीत गए किन्तु अभी तक चालू नही हो सका है।  दस करोड़ रुपये की लागत से बनकर  तैयार है 50 बिस्तरों वाला यह अस्पताल । 

  पिथौरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आने वाले मरीजों को अन्यत्र रीफर किया जा रहा है, जिसके कारण क्षेत्र के लोगों को इसकी सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है।
   
    बता दें कि शासन की महत्वाकांक्षी योजना के तहत  करोड़ों रुपये की लागत से मुख्यालय पिथौरा में इस अस्पताल का निर्माण कराया गया है। अस्पताल के भीतर उपयोग होने वाले फर्नीचर से लेकर कमोबेश सभी सामग्रियों की आपूर्ति भी हो चुकी है। उक्त सामग्रियां अस्पताल भवन के भीतर पड़ी हैं, फिर भी नए भवन का शुभारंभ नहीं हो पाने के कारण लाभ से वंचित है।

कुछ कमियां है जिन्हें ठीक किये जाने की आवश्यकता है

    लगभग 2 वर्ष पूर्व  खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ तारा अग्रवाल ने जिला चिकित्सा अधिकारी को 16 बिंदुओं में जानकारी देते हुए कमियां बताई थीं कि है नवनिर्मित भवन में पानी की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है, पूर्व के बिजली बिल का भुगतान नहीं हुआ है, कमरों में एग्जास्ट फैन की व्यवस्था नहीं है, लैब एवं रसोई कक्ष में सिंक का नहीं है, ड्रेनेज सिस्टम में गड़बड़ी है, सुरक्षित जैव अपशिष्ट प्रबंधन के लिए उचित व्यवस्था नहीं है, भवन के बाहरी दीवारों को रंग रोगन कराए जाने की आवश्यकता है, भवन के भीतर टूटे हुए टाइल्स को मरम्मत कराने की आवश्यकता है, भवन में डायरेक्शन बोर्ड लगाए जाने की आवश्यकता है, भवन के भीतर बने शौचालयों में डोर लॉक का अभाव है, पुरुष शौचालयों में यूरिन सिंक सही जगह नहीं लगा है, शौचालयों में नल का अभाव है, नवनिर्मित भवन के दीवारों में दरारें आ गई है जिसकी मरम्मत कराए जाने की आवश्यकता है, भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया जाना है, अस्पताल परिसर के भीतर वाहनों के पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं है, एवं रसोई कक्ष में सिंक का नहीं लगा है । इस  तरह से इन छोटी छोटी जरूरतों को पूरी किये जाने की आवश्यकता है ।

जिले को लाभ मिलेगा
    मातृ शिशु अस्पताल सरकार की महत्वकांक्षी योजना के तहत बनाया गया है जोकि जिले में एक मात्र है उक्त अस्पताल में उपचार रत माताओं एवं शिशुओं के लिए प्रशिक्षित विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति किए जाने के प्रावधान है,अगर इस अस्पताल को प्रारंभ कर दिया जाता है तो समूचे जिले के लोगों को इसका लाभ मिलेगा एक तरह से यह विशेष अस्पताल होगा बहरहाल  उक्त अस्पताल के चालू नहीं होने से करोड़ों की लागत से निर्मित भवन का लाभ तथा प्राप्त होनेवाले चिकित्सा सुविधा से लोग वंचित हो रहे हैं ।

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