पाड़ादाह के ग्रामीणों ने कसडोल पहुंचकर लापरवाह शिक्षक के खिलाफ सौंपा अधिकारियों को ज्ञापन
जीवन लाल रात्रे
कसडोल(newstoday)-कसडोल विकासखण्ड के सुदूर वनांचल क्षेत्रान्तर्गत शासकीय प्राथमिक शाला पाडा़दाह में एक शिक्षक के तानाशाही रवैया से परेशान होकर ग्रामीणों ने विकास खंड शिक्षाा अधिकारी एवंं एसडीएम को लिखित शिकायत विकासखंड मुख्यालय कसडोल पहुंचकर दी है। इस विद्यालय में हमेशा से शिकायत रही हैै कि शिक्षक अपने विद्यालय से आए दिन नदारद रहते हैं इस कारण शिक्षा का स्तर दिन-ब-दिन गिरते जा रहा है पालक परेशान हो चुकेे हैं शिक्षकों से बात करने के पश्चात भी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आनेेे के कारण अधिकारियों से शिकायत करने मजबूर हो गए।
दबंगई एवं गांव में भेदभाव फैलाकर बच्चों की शिक्षा प्रभावित करने से त्रस्त ग्रामीणों ने लिखित शिकायत विभागीय आलाधिकारी समेत मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं एसडीएम कसडोल से की है।जबकि इसके पहले भी यहां के शासकीय प्राथमिक शाला एवं शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के पदस्थ ड्यूटी के दौरान नदारद रहनेवाले शिक्षकों के खिलाफ भी पंचायत प्रतिनिधियों के साथ यहां के ग्रामीण बडी़ संख्या में बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट पहुंच कर कडी़ कार्रवाई के लिए लिखित आवेदन सौप चुके हैं। हलांकि बाद में इस लिखित शिकायत की कार्यवाही समझौते तक ही सिमट कर रह गई।लेकिन फिर भी यहां के प्राथमिक शाला के एक शिक्षक पर इसका जरा भी असर नही होना समझ से परे है।और वहां ग्रामीणों को पुनः उक्त शिक्षक के खिलाफ कार्यवाही के लिए अधिकारियों के द्वार फरियाद के लिए मजबूर होना पडा़ है।
गौरतलब है कि हाल में ही ग्राम पाडा़दाह के ग्रामीणों ने विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कसडोल को अपने लिखित आवेदन में शासकीय प्राथमिक शाला पाडा़दाह पदस्थ शिक्षक नारायण यादव की हौसला बुलंद दबंगई एवं गांव में भेदभाव से बच्चों की शिक्षा प्रभावित करने का नामजाद आवेदन सौपकर शीघ्र कडी़ कार्यवाही की मांग की है।साथ ही इस पत्र में जिला कलेक्टर बलौदाबाजार-भाटापारा एवं जिला शिक्षा अधिकारी बलौदाबाजार को प्रतिलिपि का उल्लेख किया गया है।पत्र में यह भी कहा गया है कि इस भेदभाव एवं गांव में दबंगई करने वाले शिक्षक पर यदि शीघ्र ही कार्रवाई नही की जाती तो उन्होंने शाला में शिक्षारत अपने बच्चों की टीसी.की मांग भी की है।वहीं अधिकारियों को दिए गए आवेदनों में शिक्षक नारायण यादव द्वारा अपना हौसला बुलंद करते हुए ग्रामीणों को खुली धमकी दी जाती है कि शिक्षक के लिए तरसा दूंगा। मैं देखता हूं की कौन आता है यहाँ चाहे किसी के पास भी चले जाओ ज्यादा-से ज्यादा ट्रांसफर भर होगा मेरा .. ऐसी नियम-कानून को ताक में रखकर खुलेआम धमकी दी जाती है ।इतना ही नहीं यह शिक्षक बच्चों के मध्यान्ह भोजन के चाँवल में गड़बड़ी की शिकायत ग्रामीणों ने पूर्व में की थी।अपने मनसूबों के इन सारे कामों को अंजाम देने के लिए यह शिक्षक गांव के कुछ भोले-भाले लोगों को बहला-फुसलाकर एवं दारू-मुर्गा खिला पिला कर अपने पक्ष कर लेता है ऐसा शिकायतकर्ता ग्रामीणोंं का कहना है।इससे गांव में वैमनस्यता की स्थिति को ही बढा़वा मिलता है।गांव में आपसी भाईचारे एवं शांति भंग का महौल आ खडा़ होता है।समय रहते फूटडालों शासन करो की नीति को यदि कुचला नही जाता तो भविष्य में भंयकर परिणाम ही सामने रहता है।पत्र में बताया गया है कि यहां 2014 से मध्यान्ह भोजन का जिम्मा उठाने वाली जय मां शीतला महिला स्वसहायता समूह को पिछले पांच-छःमाह की आवंटित होने वाली राशि भी अप्राप्त होने से इसकी भी जांच कार्यवाही की मांग की गई है।इस तरह यहां कई तरह की व्याप्त समस्या बनी हुई है।निश्चित ही अधिकारी आवेदन मिलने पर प्रक्रियागत कार्यवाही में जुटे गए होंगे।हालांकि इसके पूर्व संकुल समन्वयक स्कूलों के नियत निगरानी करते रहे होंगे।यहां तक विभागीय आला अधिकारी भी अपने निर्धारित दौरे पर जरूर आते होंगे।लेकिन किसी को व्याप्त समस्यायें भनक तक नहीं लग सका है।अब तो यहां शिक्षक दबंग व भेदभाव की राजनीति पर उतर आये हैं।बहरहाल सौपें गए आवेदन पत्र पर अधिकारी जो भी कार्यवाही करेंगे।तो निश्चित तौर से शिक्षक के अन्यत्र स्थानांतरण की स्थिति में इस वनांचल क्षेत्र से दूर अधिकारियों के सतत नियत दौरा कार्यक्रम वाले नजदीकी स्कूल में नियंत्रण के ध्यानगत ही होगा।ताकि शिक्षा नीति को सुचारू रूप से अमली जामा पहनाई जा सके।