गत वर्ष की तुलना में पर्यटकों की डेढ़ गुना हुई बढ़ोतरी
ज़ाकिर कुरैशी
बार नवापारा(newstoday)।प्राकृतिक विविधता और अपने सांस्कृतिक और पारंपरिक इतिहास के लिए प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ धीरे-धीरे भारत के सबसे लोकप्रिय हॉलिडे स्थलों में विकसित हो रहा है। यह पर्यटन के लिए एक अपेक्षाकृत ऑफबीट गंतव्य है जो इसे यात्रा करने के लिए एक अद्भुत स्थान बनाता है, खासकर उन लोगों के लिए जो बिल्कुल एकांत और कम भीड़ वाले स्थानों से प्यार करते हैं। घने जंगलो में स्वच्छंद विचरण करते वन्य प्राणी जिसे आप छत्तीसगढ़ के बार नवापारा अभयारण्य में छुट्टियों के दौरान देखना चाहते हैं। भागदौड़ भरी व्यस्त जिंदगी के कुछ पल पारिवारिक सदस्यों,मित्र मंडलियों के साथ गुजारने के लिए बारनवापारा अभ्यारण चर्चित वन पर्यटक ग्राम के रूप में विकसित हो चुका है।छत्तीसगढ़ में सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षणों में से एक, बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य है। यह 245 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है।यहां सैलानियों के आने से अनेक ग्रामीणों को रोजगार मिलने के कारण क्षेत्र में पलायन करने वाले जो अन्य प्रदेश में कमाने-खाने जाते थे उनमें काफी गिरावट आई है। हालांकि परंपरागत प्रतिवर्ष पलायन करने वाले अभी भी है। बारनवापारा अभयारण्य में पदस्थ अधीक्षक आनंद कुदरया से न्यूज़ टुडे ने बातचीत की उसके कुछ अंश यहां प्रस्तुत हैं।
विभाग द्वारा ग्रामीणों को काम दे कर बनाया जा रहा है आत्मनिर्भर
बारनवापारा अभयारण्य क्षेत्र के अंतर्गत 18 ग्राम आते हैं। वन विभाग द्वारा एवं केम्प मद की राशि से लगभग 10 हजार से अधिक मानव दिवस सृजित कर ग्रामीणों को सबल बनाने विभाग प्रयासरत है। इतना ही नहीं गांव के 26 ग्रामीणों को ब्याज मुक्त ऋण देकर जिप्सी वाहन का स्वामी हक दिलाया दिलाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाता गया है।
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पक्षी विहार बारनवापारा |
आवश्यकतानुसार मूलभूत सुविधाएं दी जा रही ग्रामीणों को
बारनवापारा अभ्यारण क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 18 ग्रामों के ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराने में विभाग को सफलता मिली है इन सभी ग्रामों के में 18 हजार की आबादी निवासरत है इन्हें केम्प मद से लगभग एक लाख मानव दिवस एवं विभागीय मद से 45 सौ मानव दिवस सृजित किए गए हैं। इसके अलावा 60 पर्यटक ग्राम की देखरेख हेतु मैनेजर सहित 21 व्यक्ति एवं रेस्टोरेंट संचालन हेतु 8 व्यक्ति कार्यरत रहकर अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं। अभ्यारण क्षेत्र में विद्युत का नहीं होना,मोबाइल टावर भी नही होने के बावजूद क्रेडा के सहयोग से ग्राम में सोलर पावर बिजली की व्यवस्था एवं शासन की मनसा अनुरूप आदिवासियों के हित में आय के संसाधन जुटाने विभाग प्रयासरत है। अभ्यारण क्षेत्र में नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना के तहत 4 गौठान निर्माण हेतु भूखंड उपलब्ध करा कर ग्रामीणों को सशक्त बनाया जा रहा है। इस तरह बार अभ्यारण का स्वरूप बदलने लगा है।
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पर्यटकों की अठखेलियां |
स्वच्छंद विचरण करने वाले वन्य प्राणियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है वही विगत वर्ष की तुलना में डेढ़ गुना अधिक पर्यटक बारनवापारा अभ्यारण्य में भ्रमण करने आए। विभाग द्वारा पर्यटकों को रुकने की उत्तम व्यवस्था की गई है। 34 कमरे सभी तबकों के लिए बनाए गए हैं। आमोद प्रमोद हेतु पर्यटन ग्राम में झूला,ओपन थिएटर, इंटरप्रिटेशन सेंटर मौजूद है। बारनवापारा में समय-समय पर विभिन्न आयोजन होते रहते हैं स्थानीय विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा अर्थ डे(पृथ्वी दिवस) को लेकर जनमानस में चेतना फैलाने प्रयास किया गया वन्य प्राणियों के महत्व,वन्य प्राणियों के साथ सह अस्तित्व की जागृति,वन्य प्राणी दिवस, पर्यावरण दिवस पर चित्रकला, निबंध,लेखन एवं रैलियां निकाली जाती रही है तथा उन्हें पुरस्कृत भी किया जाता रहा है।
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गाइड एवं जिप्सी चालकों की होती है कमाई पर्यटकों से |
समय-समय पर होते हैं विभिन्न आयोजन
ग्रामीणों में शिविर लगाकर हाथी मानव द्वंद पर विचार विमर्श होते रहते हैं ताकि ग्रामीण वन एवं वन्य प्राणियों के महत्व को अच्छी तरह समझ सके विभाग ग्रामीणजनों के उत्थान हेतु प्रयासरत है यही कारण है कि अब ग्रामीण पूर्व की तरह अधिक मात्रा में अन्य प्रदेशों के लिए पलायन नहीं कर रहे हैं क्योंकि उन्हें रोजगार गांव में ही मिलने लगा है।वन विभाग की चाक-चौबंद व्यवस्था के कारण यदा-कदा जो शिकार होते थे उस पर भी अंकुश लगा है लोगों को वन अपराध के नाम से अब दहशत होने लगी है।