दस्तावेज दफ्तर टू दफ्तर खाक छान रहा,ग्रामीण हताश और परेशान
कसडोल।जीवन लाल रात्रे(newstoday) बलौदाबाजार जिले के बिलाईगढ़ विधानसभा के अंतर्गत बारनवापारा क्षेत्र वासियों को आज पर्यंत तक वन अधिकार पत्र(पट्टा) अप्राप्त है।जितनी सरलता और सजगता से वन वासियों की जीवन स्तर को सुधारने-सँवारने जल,जंगल, जमीन की हक देने राज्य सरकार द्वारा वन अधिकार अधिनियम-2006 के अंतर्गत पात्र अनुसुचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन वासियों को वन अधिकार पत्र उपलब्ध कराने हेतु राज्य में लाभवन्तित करने के लिए राज्य में विशेष अभियान चलाया गया था। जिसमें कोई भी पात्र हितग्राही वन अधिकार पत्र(पट्टा)पाने से कोई वंचित न हो किन्तु आज पर्यंत भी बारनवापारा वनांचल क्षेत्र वासियों को ब्यक्तिगत व सामुदायिक वन अधिकार पत्र नहीं मिलने से राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं से लाभ नहीं मिल रहा है।जहाँ ग्रामीण अपने आप को ठगा महशुस कर रहें हैं।जहाँ आज भी अनुविभागीय अधिकारी कसडोल के दफ्टर व कार्यलय कलेक्टर आदिवासी विकास विभाग के दफ्तर वन अधिकार पत्र पाने ग्रामीण चक्कर काटने को विवश हैं। वही भुपेश सरकार अपनी 4 साल की कार्यकाल में हरेक मंच से भेंट मुलाकात के दौरान प्रदेश में संचालित की जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में ग्रामीणों से रूबरू होते हैं।लेकिन जमीनी स्तर में प्रदेश सरकार की इन योजनाओं की हकीकत कुछ और बयां करती है।जहाँ आज भी कुछेक वनांचल वासियों को ब्यक्तिगत वन अधिकार पत्र,सामुदायिक वन अधिकार पत्र नहीं मिला है।कागजे त्रुटि को लेकर दफ्तर टू दफ्तर घूम रही है जहाँ निचले स्तर में बारम्बार सुधार कर संबंधित उच्च कार्यलय पुनःभेजने पर भी आज 3 वर्षों से कलेक्टर आदिवासी विकास विभाग बलौदाबाजार कार्यलय में कागजे खाक छान रही है।सुध लेने वाला कोई नहीं है।अनुविभागीय अधिकारी कसडोल कार्यलय से भेजे गए आदिवासी विकास विभाग बलौदाबाजार को प्राप्त जानकारी अनुसार ब्यक्तिगत वन अधिकार पत्र(पट्टा) इन ग्रामों के ग्रामीणों द्वारा पूर्व व नवीन में किये गए आवेदन हितग्राहियों की संख्या- बार के 72,हरदी-15, थरगांव-21,अकलतरा-3,ग बौद-5,चरौदा-1,देवगांव-1,और ढेबी से 14 लोगों को आज तक वन अधिकार पत्र नहीं मिला है।और सामुदायिक वन अधिकार पत्रों में चरौदा(ब),देवतराई,तालदादार,कोठारी, बार,बिटकुली,गबौद,रवान,कौहाबाहरा,हरदी, दोन्द,पाड़ादाह,महराजी,मुड़पार,आमगांव व गुड़ागढ़ इन सभी को सामुदायिक (पट्टा) नहीं मिला है।जिसके चलते ग्रामीण काफी परेशान व हतास हो गए हैं।वही इस पूरे मामले में सहायक आयुक्त बलौदाबाजार को फोन किया तो फोन की घंटी जाता रहा किन्तु फोन रिसीव नहीं किया।