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Wednesday, May 19, 2021

खाद,डीजल पर महंगाई की मार, देश का हर किसान-हर जवान परेशान

               फोटो -अधिवक्ता शत्रुहन साहू


खाद,डीजल पर महंगाई की मार, देश का हर किसान-हर जवान परेशान


DAP और डीजल के बढ़े दाम वापस ले सरकार :- अधिवक्ता शत्रुहन साहू


धमतरी@ न्यूज़ टुडे। संयुक्त किसान मोर्चा धमतरी के विधिक सलाहकार अधिवक्ता शत्रुहन साहू टिकेश्वर साहू भुनेश्वर साहू  मनोज भत पहरी रामविशाल साहू सनत निर्मालकर निशांत भट्ट दिग्विजय साहू ,सतवंत महिलांग अशफाक हाशमी,रसूल खान, मूलचंद साहू भिखारी, राम साहू ,टिकेश्वर सिन्हा ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने  तीनों कृषि कानूनो के माध्यम से MSP पर बड़ा हमला किया है सरकार की मंशा आने वाले समय मे MSP को आधिकारिक तौर पर भी खत्म करने की योजना थी। परन्तु विगत 174 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन के दबाव में सरकार प्रत्यक्ष रूप से MSP खत्म नहीं कर सकी जिसके बाद अप्रत्यक्ष रूप से खेती को पूंजीपतियों कि तिजोरी में देने का प्रयास जारी है। जिसका ज्वलंत उदाहरण एक तरफ जहां सिर्फ नाम के लिए ही MSP बढ़ा दी जाती है वहीं दूसरी तरफ बड़े स्तर पर कृषि लागत बढ़ा कर सिर्फ और सिर्फ कॉरपोरेट घराने को लाभ पहुचाई जा रही है।  खेती के लिए अति महत्वपूर्ण रासायनिक खाद डाई अमोनियम फास्फेट  DAP का दाम काफी महंगी कर दी गई है। सहकारी क्षेत्र के इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोओपरेटिव (IFFCO) ने 50 किलो वाले डीएपी खाद की कीमत में 58.33 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। जिससे पिछले महीने तक जो खाद की बोरी 1,200 रुपये में मिलती थी, उसकी कीमत अब 1,900 रुपये कर दी गई है। बाजार में अब इस दाम की बोरी आने भी लग गयी है। इससे पूर्व यूरिया की मात्रा को कम कर दी गई थी मुख्य रूप से DAP व डीजल के बढ़ते भाव से कृषि की लागत बढ़ी है जिसका सीधा असर किसानों के जीवन पर पड़ा है किसान कर्ज के बोझ में लादकर आत्म हत्या करने को मजबूर हो रहे है और किसानों की आय दुगुनी करने के वादे पर सत्ता में काबिज केंद्र की मोदी सरकार सिर्फ MSP के नाम दिखावा कर रही है  जबकि जमीनी हकीकत यह है कि कृषि में लागत बढ़ रही है व किसान को उसकी फसल का भाव नहीं मिल रहा। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार की किसानों को घाटे में रखकर उन्हें बेदखल करने की नीति स्पष्ट हो रही है। हम सरकार से मांग करते है कि बढ़ाये गए रेट तुरंत वापस लेकर कृषि की लागत को नियंत्रित करें तभी जय किसान जय जवान का सपना साकार हो सकेगा।*

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