बागबाहरा(newstoday) बागबाहरा जनपद अध्यक्ष स्मिता हितेश चंद्राकर ने क्षतिपूर्ति क्राइटेरिया में आने वाले डबल बीमा धारक किसानों की ग्राम वार नाम व क्षतिपूर्ति राशि की सूची उपलब्ध कराने ब्लॉक कृषि अधिकारी एवं उपसंचालक को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है।
जपं अध्यक्ष ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि एवं पीएम फसल बीमा योजना की क्षतिपूर्ति की राशि से वंचित किसानों के लिए बुधवार एवं शुक्रवार को आयोजित शिविर में आवेदन प्राप्त हुए कि बैंक व बीमा कंपनी की गलती से डबल बीमा हो जाने के कारण उन्हें क्षतिपूर्ति की राशि नहीं मिल पा रही है।ग्राम भलेसर के कृषक जोगेश्वर चंद्राकर खसरा नंबर 439/1 788/1788/2 788/4रकबा 4.10 एकड़ का बीमा बैंक ऑफ बड़ौदा में केसीसी ऋण के साथ कराया गया था इसके पूर्व पंजाब नेशनल बैंक खमरिया में उसने केसीसी ऋण लिया था इस वर्ष पंजाब नेशनल बैंक खमरिया दूर होने के कारण वहां का पीएनबी खाता बंद करा कर बैंक ऑफ बड़ौदा से ऋण लिया था लेकिन पंजाब नेशनल बैंक खमरिया द्वारा लापरवाही से उक्त किसान के बन्द खाते पर बीमा कवर कर दिया गया, जिसके चलते कृषक के बैंक ऑफ बड़ोदा के केसीसी ऋण पर डबल बीमा हो गया।भलेसर ग्राम के किसान को लगभग 11हजार प्रति एकड़ की दर से 50 हज़ार रुपये की क्षतिपूर्ति की राशि का प्रावधान हुआ था किसान को फसल नुकसानी के लिए बीमा राशि का भुगतान इसलिए रोक दिया गया कि पीएनबी बैंक ने किसान के बन्द खाते पर जानबूझकर बीमा कवर कर दिए जाने के कारण उस किसान का फसल बीमा दावा राशि का भुगतान उसके द्वारा पीएनबी एवं बैंक ऑफ बड़ौदा से केसीसी लोन पर दो बैंकों से बीमा कवर किया गया है जबकि उसके बन्द खाते पर बीमा कवर करने की गलती पीएनबी द्वारा की गई है ।नियमानुसार पीएनबी से एनओसी लेने के बाद ही किसान का बैंक ऑफ बड़ौदा में केसीसी लोन का खाता खोला गया था तब उसके बीमा दावा राशि के भुगतान को बैंक ऑफ बड़ोदा रोक नही सकता और पीएनबी उसके बन्द खाते पर बीमा कवर करने का दोष किसान पर नही लगाया जा सकता इस प्रकार दोनो बैंक समान रूप से दोषी है जिसका खामियाजा किसान क्यों भुगतेगा। यह सर्वविदित है कि केसीसी लोन से बीमा कंपनियों को आवश्यक प्रीमियम का भुगतान बैंक और किसान के बीच सहमत अनुपात पर किया जाता है और किसान लाभार्थियों को उपरोक्त बीमा कवर के बारे में बताना होता है। बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण IRDA ने ग्राहकों को ऐसे प्रावधान किए है जिसके खिलाफ शिकायत की जा सकती है इसी प्रकार ग्राम करहीडीही के कृषक पैशन साहू 13.75 एकड़ जमीन का फसल बीमा कराया गया था किसी कारणवश उसके केसीसी लोन पर डबल एजेंसी द्वारा बीमा हो गया। ग्राम करहीडीही को लगभग 6 हजार रु की दर से क्षतिपूर्ति राशि मिलनी थी।उक्त किसान को लगभग 92 हजार रू क्षतिपूर्ति राशि मिलनी थी लेकिन डबल बीमा के चलते उन्हें बीमा क्षतिपूर्ति की राशि से वंचित होना पड़ गया। इस तरह ब्लॉक व जिले में सैकड़ों किसान डबल बीमा के चलते क्षतिपूर्ति की राशि से वंचित हो गये है जिनका बीमा कंपनी डबल बीमा धारक कृषक को क्षतिपूर्ति की राशि भुगतान नहीं करने शासन का आदेश व नियम की कॉपी संबंधित कृषको को अवगत कराना चाहिए अगर शासन का ऐसा आदेश जारी नहीं हुआ है तो प्रथम बीमा एजेंसी के माध्यम से क्षतिपूर्ति की राशि कृषकों को देना पड़ेगा और द्वितीय बीमा प्रीमियम की राशि किसान को वापस करना होगा। केंद्र सरकार ने इरडा को शिकायत करने के पूर्व उस बीमा कंपनी के शिकायत निवारण अधिकारी GRO से संपर्क कर लिखित शिकायत कर अपनी समस्या से अवगत कराने पर और अगर 15 दिनों तक जवाब नही मिलता है तो सीधे इरडा से दस्तावेजी सबूतों के साथ इरडा शिकायत प्रकोष्ठ, गाछी बावली, हैदराबाद के बपते पर करना होगा। जपं अध्यक्ष ने बीमा कपंनियों व बैंक अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उनकी लापरवाही से डबल बीमा कर किसानों का बीमा दावा राशि के करोड़ों के भुगतान को न कर किसानों को लूट लिया गया, जिसके लिए जिस स्तर पर संघर्ष करना पड़ेगा पीछे नही हटेंगे।