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Tuesday, November 8, 2022

शिकारी के जाल में फसे हाथी की मौत


 शिकारी के जाल में फसे हाथी की मौत

विद्युत प्रवाहित तार के चपेट में आया था हाथी


सावधान :  जंगल में प्रवेश करना मना है कभी भी हो सकता है हादसा

शिव ठाकुर बारनवापारा

बार नवापारा (NEWSTODAY)। बलौदाबाजार-भाटापारा वनमंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र देवपुर में धरती के विशालकाय जानवर हाथी की मौत ने एक बार फिर जंगल व वन्यप्राणियों की सुरक्षा में तैनात वन-कर्मचारियों,वन-अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है।और इस घटना के पीछे जिम्मेदार कौन है?सोमवार को वन परिक्षेत्र देवपुर के समीप ग्राम पकरीद विश्राम गृह के नजदीक गिधपुरी मार्ग की ओर कक्ष क्रमांक-299 में हाथी के शव को देखा गया।


   सूचना मिलने पर वन अमलें-आलाधिकारियों की घटना  स्थल के तरफ इसकी जांच-पड़ताल व कार्यवाही के लिए भागदौड़ शुरू हो गई।बाद में स्पाट पहुंचे अधिकारियों की मौजूदगी में मृत पाए गए हाथी के शव का डाक्टरी परीक्षण कराया गया।वहीं बड़ी मात्र में बिछाये गए जेई तार और प्रयुक्त बांस की खुटी घटना स्थल से वन अमलों के द्वारा बरामद की जानकारी है। जिससे प्रथम दृष्टया विद्युत करेंट की चपेट में आने से हाथी की मौत हुई है।पहले इसकी सूचना ग्रामीणों ने वन-विभाग को दी और बताया की हाथी की मौत की घटना 2-3 पहले की हो सकती है।तब कुम्भकरणी  निद्रा में सोए हुए वन-अमलों को पता चला कि  एक नर हाथी की मौत हो गई है।सूचना पर आनन-फानन में शहर की ओर से भागते हुए देवपुर प्रभारी रेंजर पंच राम यादव ने इसकी पतासाजी कर आलाधिकारियों को इसकी जनकारी दी । गौरतलब है कि देवपुर परिक्षेत्र अन्तर्गत जंगल में ही तीन दिन पहले भी ग्राम चेचरापाली के समीप एक मृत व्यक्ति की सड़ीगली अवस्था में लाश बया चौकी पुलिस ने सूचना पर घटना स्थल से बरामद की थी।जो कि प्रथमदृष्टया इसी तरह करंट से मौत होने बताया जाता है। शिनाख्त लाश से स्पष्ट हुआ था कि ग्राम चेचरापाली निवासी पुलिस रिपोर्ट गुम ई.क्र. 22/22 केशव बरिहा उम्र 32 युवक की मौत हो गई है।फिलहाल युवक की डी कम्पोस्ट बॉडी को बरामद कर बया पुलिस जांच कर रही है। वहीं इन घटनाओं पर गौर किया जाए तो देवपुर रेंज में वन अमलों की निष्क्रियता के चलते आये दिन इस तरह विद्युत करेंट से जंगली जानवरों व ग्रामीणों की मौत हो रही है।जिसके जिम्मेदार भला ये तनखैय्या नहीं तो और कौन हो सकते हैं?आखिर अमलों की सतर्कता विद्युत करेंट की चपेट में आने से पहले विचरण करते इस हाथी के लोकेशन क्यों पता नहीं कर पता।जबकि यहां तक महज कुछ दूरी पर ही  विभागीय रेस्टहाउस ग्राम पकरीद स्थित है।जहां वन अमलें भी निवास कर वन एवं वन्यजीवों की रखवाली में तैनात रहते हैं। बावजूद भी ऐसी घटना से एक दंतैल नर हाथी की बेमौत मर जाता है।लेकिन विद्युतधारा में फंसकर जीवन-मौत से जुझते भला इस निर्दोष विशालकाय हाथी की जरा सी भी आवाज किसी को क्यों सुनाई नही देती।यहां तक मौत के दो-तीन बाद ग्रामीणों से वन अमलों तक सूचना पहुंचने पर ही घटना की जानकारी भी मिल पाती है।इस संबंधित घटना के बारे में मिडिया कर्मी को फोन संपर्क से कसडोल उपमंडलाधिकारी राकेश चौबे ने जानकारी चाही तो कहा कि मैं अभी दौरे में हूँ।हमारे विभाग के उच्चाधिकारी साहब आज आ रहे हैं।मैं आपको कसडोल आकर जानकारी बता पाऊंगा।वहीं देवपुर परिक्षेत्र प्रभारी रेंजर पंचराम यादव को फोन पर सम्पर्क किया तो उनका मोबाइल हमेशा की तरह इस बार भी स्वीच ऑफ बताया।बहरहाल दिनाँक-7.11.22 सोमवार की देर शाम को वनमंडल बलौदाबाजार आला अधिकारियों व पुलिस मौजूदगी में मृत मिले हाथी शव का पोस्टमार्टम बाद जेसीबी मशीन की मदद से जमीन खोदकर शव को दफन कर विभाग ने राहत की सांस ली है।वहीं सूत्र से पता चलता है कि यहां आसपास के गांवों में विद्युतापूर्ति तारे भी नग्न अवस्था में हैं।इस ओर भी ध्यान देकर केबल कन्डेक्टर में बदलाव भी आवश्यक जान पड़ता है।

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