बारनवापारा/कसडोल(newstoday)-छत्तीसगढ़ प्रदेश में लागू आदिवासी 32 प्रतिशत आरक्षण में उच्च न्यायालय द्वारा असंवैधानिक करार देते हुए 12 प्रतिशत की कटौती कर 20 प्रतिशत किए जाने की बहाली को लेकर सर्व आदिवासी समाज प्रदेश भर में 15 नवंबर को आर्थिक नाकेबंदी का आयोजन कर रहा है।
आदिवासी बाहुल्य इस प्रदेश में संख्या अनुपात अधिक होने के बावजूद भी सरकार द्वारा इनके आरक्षण कटौती के बचाव के पक्ष में कोई ठोस दलील न्यायालय में पेश नही कर पाने से खासा नराज सर्व आदिवासी को इस तरह प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ा है।यहां तक सुप्रीम कोर्ट तक पीटीशन दायर किया गया है।प्रदेश भर के जिला व ब्लॉक स्तर में भी सर्व आदिवासी समाज अपनी जायज मांगों को लेकर महामानव क्रांति सूर्य बीरसा मुंडा की 147 वीं जयंती अवसर पर 15 नवंबर को आर्थिक नाकेबंदी का आगाज करेगा।
इसमें बारनवापारा क्षेत्र के सर्व आदिवासी समाज कसडोल के बाबा गुरू घासीदास चौक में आज मंगलवार की सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक विकासखंड स्तरीय आयोजित आर्थिक नाकेबंदी (चक्का जाम) में शामिल होकर प्रदर्शन करेंगे।इसके लिए इस वनांचल सहित पूरे विकास खण्ड में भी सर्व आदिवासी समाज ने अपने-अपने स्तर पर पूर्ण तैयारी कर ली है।समाज प्रमुख पत्राचार के माध्यम से भी अंतिम पंक्ति तक सूचना प्रसारित किए हैं।इसकी तैयारी को लेकर गांवों में बैठकों का दौर भी चला है।अखिल गोंडवाना गोंड समाज सर्कल राज्य बार ने भी पत्र जारी कर एकदिवसीय कसडोल आर्थिक नाकेबंदी में शामिल होने का आह्वान किया है।