डीआरएस महाविद्यालय कसडोल प्रभारी प्राचार्य द्वारा जेबीएस फंड की हेरा फेरी, अध्यक्ष जनभागीदारी समिति रामखिलावन ने राशि गबन का लगाया आरोप
बैठक प्रस्ताव के रजिस्टर में अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों के हस्ताक्षर के बाद अन्य कंडिका लिखवाया गया प्राचार्य द्वारा
जीवन लाल रात्रे,कसडोल ब्यूरो
कसडोल(newstoday)स्व. दौलत राम शर्मा स्नातकोत्तर महाविद्यालय कसडोल में स्नातक व स्नाकोत्तर पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाता है। जिसमें लगभग 11 से अधिक विषयों पर कक्षाएं संचालित HB किये जा रहे है।लेकिन महाविद्यालय मे विगत कुछ महिनो से पर्याप्त सुविधा विद्यार्थियों को दुर्लभ हो गई है। रामखिलावन डहरिया अध्यक्ष जनभागीदारी समिति दौलत राम शर्मा शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय कसडोल एवं पार्षद नगर पंचायत कसडोल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राशि का गबन करने एवं अनियमितताओं का आरोप लगाया है अध्यक्ष ने 5 पन्नों का हस्तलिखित प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। प्रभारी प्राचार्य अध्यक्ष द्वारा की गई शिकायत को निराधार बताया
जबकि महाविद्यालय में शासकीय फंड के साथ- साथ जन भागीदारी समिति का भी फंड है।लेकिन इन मदों के बावजूद आज महाविद्यालय आधारभूत सुविधाओं से परे है। ज्ञात है कि महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति में अगस्त 2017 से वर्तमान समय तक कुल 80 लाख का फंड था जो आज वर्तमान में केवल 12-13 लाख रु.ही रह बच पाया है। बाकी राशि कहाँ गई प्राचार्य और उसके प्रभारी के सिवाय किसी को नही पता है। वर्तमान में जनभागीदारी समिति से प्राचार्य द्वारा किसी भी कार्य के लिए निर्णय लेना उचित समझा नहीं जा रहा है।और सभी कार्य को मनमाने तरीके से स्वयं कमीशन खोरी कर प्राचार्य द्वारा किया जा रहा है। आज समिति के बिना निर्णय व प्रस्ताव के वर्तमान प्राचार्य डॉक्टर मेजर एच.के.एस. गजेंद्र बिना किसी डर के जनभागीदारी फंड का उपयोग कर रहे हैं । और जनभागीदारी समिति को इस बात की खबर भी नहीं है ।महाविद्यालय का प्राचार्य विद्यार्थियों के राशि और कर्मचारियों को अपने व्यक्तिगत कार्यों में उपयोग कर रहा है।महाविद्यालय का प्रभारी प्राचार्य स्वयं ठेकेदार बन कर कमीशन खोरी कर राशि को अनर्गल उपयोग कर रहा है। जनभागीदारी अध्यक्ष के इस बात को कहने पर जनभागीदारी अध्यक्ष ऊँचे राजनीति की धमकी देकर कमीशन मांगने का आरोप लगाया। जनभागीदारी के संपूर्ण सदस्य प्रभारी प्राचार्य के इस व्यवहार से असहमत है। भागीदारी अध्यक्ष अप्रैल 2022 से लगातार प्रभारी प्राचार्य डॉ एस के एस गजेंद्र को बैठक लेने के लिए बार-बार कहते रहे ताकि महाविद्यालय के सुविधाओं को और बढ़ाया जा सके व अन्य पाठ्यक्रमों को खुलवाने में सहायता प्राप्त हो सके परंतु महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य ने बार-बार नया नया बहाना बनाते हुए बैठक को निरस्त किया उनका कहना था कि मुझे यदि बैठक होती है तो जनभागीदारी समिति के राशि का विवरण देना होगा जो कि मेरे पास उपलब्ध नहीं है। महाविद्यालय के प्राचार्य के संबंध में कई सारी शिकायतें है।इनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
विद्यालय में 2020 दिसंबर से सीसीटीवी लग चुकी थी लेकिन विद्यालय का प्रभारी प्राचार्य उसे 2 साल बाद 11 नवंबर 2022 को चालू कराया क्योंकि वह महाविद्यालय से हमेशा गायब रहता था गलती का पता ना चले इस कारण उन्होंने महाविद्यालय से सीसीटीवी को ही हटवा दिया। (2)प्रभारी प्राचार्य शासकीय भवन का उपयोग करता है । रहने के लिए और साथ ही साथ एचआरए भी लेता है इस प्रकार व सरकार को भी धोखा देता है ।प्रभारी प्राचार्य द्वारा अपने खाना पकाने वह अपने व्यक्तिगत चीजों को रखने के लिए महाविद्यालय के कमरे का इस्तेमाल किया जाता है महाविद्यालय में पहले से ही विद्यार्थियों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है ऐसे में महाविद्यालय में उन्होंने अपने व्यक्तिगत कपड़ों गैस बर्तनों अलमारियों आदि को रखा है जिससे विद्यार्थियों को बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
(3) प्रभारी प्राचार्य केवल प्रभार में है ।लेकिन आज तक उन्होंने अध्यापन के लिए किसी भी कक्षा में प्रवेश नहीं किया है। कुछ दिनों पहले अज्ञात लोगो द्वारा आरटीआई से यह पता चला है कि उन्होंने जनभागीदारी समिति द्वारा दिए गए प्रस्ताव को ही बदल दिया है।और अपने आप को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ही इस प्रस्ताव को बदला गया है जिसमें समिति के होते हुए भी उन्होंने समिति को मृत घोषित किया है ।और उस प्रस्ताव में यह लिखा है कि मानदेय व आकस्मिक व्यय हेतु प्राचार्य स्वयं समक्ष रहेगा। इस प्रकार की आकृतियां प्राचार्य को स्वयं को लाभ पहुंचाने की ओर ही इंगित करता है।
वही इस संबंध में प्राचार्य ने कहा कि मेरे द्वारा प्राचार्य गजेंद्र द्वारा आज तक किसी भी महाविद्यालय के जनहित कार्यों के संबंध में राय नहीं लिया गया है। उल्टा आपको मैं ही अध्यक्ष बनवाया हूं ।तू क्या बात करेगा मेरे से दो कौड़ी का आदमी साथ ही अभी तक दो बार ही जेबीएस की बैठक ली गई है । किसी भी जनप्रतिंनिधियो से सीधे मुंह बात नही करता है। दूसरी बैठक के प्रस्ताव रजिस्टर में सभी सदस्यों का हस्ताक्षर के बाद कंडिका 5 मानदेय आकस्मिक व्यय हेतु प्राचार्य स्वयं सक्षम रहेगा उक्त कथन को प्राचार्य द्वारा बाद में लिखवाया गया है । जो मौलिक अधिकारों का हनन है। प्राचार्य द्वारा महाविद्यालय का लाखो रुपए का कर रहा दोहन।
रामखिलावन डहरिया अध्यक्ष जनभागीदारी समिति दौलत राम शर्मा शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय कसडोल एवं पार्षद नगर पंचायत कसडोल
वक्तव्य प्रभारी प्राचार्य👇
(2) मैं अपना सरकारी काम करवा रहा हु।अभी मीटिंग में हु। मेरे बारे में जो भी शिकायत आपके पास आई है। ओ गलत है। एवं निराधार है।(मेजर डॉ एच के एस गजेन्द्र प्रभारी प्राचार्य)