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Sunday, November 27, 2022

शिक्षक अपनी शिक्षकीय सोच को विकसित कर चिंतनशील बने - मुकेश डड़सेना


 शिक्षक अपनी शिक्षकीय  सोच को  विकसित कर चिंतनशील बने - मुकेश डड़सेना 


 पिथौरा(newstoday) संकुल केंद्र गोड़बहाल ,  गड़बेड़ा, जम्हर और छिबर्रा के  संयुक्त संयोजन में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन संकुल केंद्र गोड़बहाल में किया गया ।

 इस प्रशिक्षण में चारों संकुल केंद्र  से प्रधान पाठक एवं शिक्षकों ने सहभागिता की।  यह दो दिवसीय प्रशिक्षण  श्रेष्ठ पालक्त्व पर  आधारित था । जोकि  मास्टर ट्रेनर्स छबिराम जगत, राजेन्द्र मार्कण्डेय व बतौर तकनीकी सहयोगी  मनोज पटेल के दिशा निर्देश व मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। इस प्रशिक्षण में  प्रोजेक्टर की सहायता से पीपीटी के जरिये  प्रशिक्षणार्थियों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।

प्रशिक्षण में मुख्यतः चित्रों पर चर्चा, समिति के साथ समन्वय स्थापित कर विद्यालय के विकास के लिए कार्य ,पालकों में श्रेठ पालक्त्व के गुण विकसित करने प्रयास, गुणवत्ता आधारित शिक्षा, आकर्षक विद्यालय का निर्माण जैसे अनेक टॉपिक पर सारगर्भित  चर्चा हुई।  प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बच्चों के बेहतर विकास के लिए पालकों व स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों को जागरूक करना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ साक्षरता के नोडल अधिकारी अरुण देवता द्वारा सरस्वती की छायाचित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

 प्रशिक्षण के  समापन अवसर पर  बतौर मुख्य अतिथि शासकीय हायर  सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य मुकेश डड़सेना  ने अपनी गरिमामय उपस्थिति दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता  पढ़ना लिखना अभियान के ब्लॉक मीडिया प्रभारी  ने की । विशिष्ट अतिथि के रूप में दयाराम पटेल,नित्यानंद पंडा, अनवर खान,माधव साहू, लक्ष्मी प्रसाद सिदार ,घनश्याम पटेल थे। मुख्य अतिथि प्राचार्य  मुकेश डड़सेना ने   प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि  शिक्षक का व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है ।शिक्षक  विद्यालय व  विद्यालय के बाहर भी शिक्षक होते हैं ।  इसलिए हमारे आचार-विचार वेशभूषा  तथा तौर तरीका आदि में गरिमा झलकनी चाहिए । शिक्षक का दायरा बहुत बड़ा है ।शिक्षक अपने शिक्षकीय  सोच को विकसित कर चिंतनशील बने तथा पालक व समिति के सदस्यों के साथ मिलकर ऐसी कार्ययोजना का निर्माण करें जिससे बच्चों के सर्वांगीण विकास हो सके ।

 ब्लॉक मीडिया प्रभारी हेमन्त खुटे ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा कि बच्चों की मौलिक प्रतिभा और क्षमता के सतत विकास तथा उनके जीवन कौशल में निर्माण के लिए श्रेठ पालक्त्व का होना नितांत आवश्यक है । अगर हम सकारात्मक सोच के साथ समुदाय से मिलकर कार्य करें तो निश्चित रूप से  अपने विद्यालय की तस्वीर को बदल सकते हैं।

संकुल समन्वयक टेकराम निषाद व अन्य अतिथियों ने भी शिक्षिकों को संबोधित किया । कार्यक्रम का संचालन समन्वयकद्वय नरेश पटेल व राजेन्द्र मार्कण्डेय द्वारा किया गया  ।आभार प्रदर्शन समन्वयक बालाराम दीवान ने किया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रधान पाठकगण दिनेश नायक, हितेश पटेल,चंद्रशेखर पटेल,लोकनाथ सिन्हा, पवन पटेल,गंगोत्री धीवर,वीणा पटेल,राजिम ध्रुव,नेतराम पटेल सहित काफी संख्या में शिक्षक ,शिक्षिकाएं व एस एम सी के पदाधिकारीगण उपस्तिथ थे।


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