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Tuesday, November 22, 2022

मूकबधिर दिव्यांग के हाथों से सज संवर रहा है,पिथौरा का कृष्णकुंज

दिव्यांग दिनेश की कलाकृतियां और भी निचे देखें

विश्व दिव्यांग दिवस पर विशेष


मूकबधिर दिव्यांग के हाथों से सज संवर रहा है,पिथौरा का कृष्णकुंज

जाकिर कुरैशी की रिपोर्ट

पिथौरा(newstoday) छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नवनिर्मित पिथौरा कृष्णकुंज को संजाने संवारने में एक मूकबधिर, श्रवणबधित दिव्यांग अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कहते हैं जहां चाह है वहां राह है इस उक्ति को अपने जीवन में चरितार्थ करने वाला मूकबधिर श्रवणबधित दिव्यांग दिनेश वर्मा अन्य लोगों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बन गया है। कला पारखी एवं होनहार चित्रकार होने से कृष्णकुंज की सुंदरता और भव्यता लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।

      खेल मैदान में यंग क्रिकेट क्लब पिथौरा द्वारा आयोजित टुर्नामेंट के दौरान न्यूज़ टुडे/ स्वाभिमान न्यूज टीम का निर्माणाधीन कृष्ण कुंज के मार्ग से गुजारना हुआ उसी दौरान दीवाल पर बने आकर्षक कलाकृति को देखकर उस कलाकार को जानने की जिज्ञासा बढ़ी तब पता चला कि होनहार चित्रकार बहुप्रतिभाशाली युवक एक मूक-बधिर दिव्यांग है।और तत्काल इनके द्वारा की गई आकर्षक चित्रकारियों का मुआयना किया जो कृष्णकुंज की यथार्थ महिमा को चित्रों के माध्यम से जीवंत लग रहे थे।
    बागबाहरा तहसील के अंतर्गत ग्राम बागहबाहराकला के निवासी दंपत्ति झप्पूलाल वर्मा एवं श्रीमती सुशीला के चतुर्थ सुपुत्र के रूप में जन्में दिनेश कुमार वर्मा उम्र 29 वर्ष जन्म से ही मूकबधिर और श्रवणबधित है। इसके बावजूद अपनी इच्छाशक्ति एवं रूचि के सहारे आर्टकला में प्रवेश कर अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं।
     बमुश्किल कक्षा 6वीं तक की पढ़ाई करने वाले दिनेश वर्मा के लिए यह चित्रकारी कला उनके लिए एक ईश्वरीय वरदान है। स्वाभिमान न्यूज टीम से साईन लेग्वेंज एवं इशारों में समझाते हुए बताया की उनके परिवार में माता-पिता के अलवा तीन भाई एवं एक बहन है। परिवार में वे इकलौते दिव्यांग हैं और अपनी आजीविका को चलाने के लिए उन्हे कला के क्षेत्र में पदार्पण करने का अवसर मिला है। उन्होने लिखकर बताया की वे धार्मिक जगहों पर उन्हे काम करने का अवसर अधिक मिलता है

जिससे वे आर्थिक रूप से सबल भी बन रहे है। प्रत्येक कार्य को पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ पूरा करने का प्रयास करते हैं जिससे उन्हे सुकुन मिलता है। प्रत्येक कार्य को वे ठेका के माध्यम से पूरा करते हैं ताकि एक निष्चित रकम उन्हे मिल सके और आत्मनिर्भर बनकर परिवार वालों के लिए सहारा बन सके। पिथौरा के कृष्णकुंज के सौन्दर्य में उनकी प्रतिभा झलक रही है। बहरहाल वृंदावन की भांति कृष्णकुंज को बनाने एवं संवारने में वन विभाग पिथौरा भी प्रयासरत है।

चुनौतियों से लड़ने का संदेश देते है दिव्यांगजन - जयकांत गंडेचा

(कार्यस्थल कृष्णकुंज) पिथौरा में मौजूद वन परिक्षेत्र अधिकार जयकांत गंडेचा ने न्यूज़ टुडे/स्वाभिमान न्यूज से चर्चा में कहा की कामयाबी में कोई चीज बाधक नहीं बनती बशर्ते की आपके अंदर काम करने का जज्बा और जुनुन हो। इस दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो बचपन से ही गंभीर विकलांगता का शिकार हो गए है। ऐसे निराशपूर्ण अवस्था में एवं विपरीत हालातों में अपनी कामयाबी के लिए संघर्ष करते हैं। अपने शारीरिक कष्ट और सामाजिक ताने बाने को भूलकर सबके जीवन में इन्द्रधनुषी रंग बिखेर रहे हैं। सब परेशानियों के बावजूद दिनेश जैसे दिव्यांगजनों ने खुद को मजबूत बनाकर कामयाबी के झंण्डे गाड़े हैं। ऐसे मूकबधिर श्रवणबधित दिव्यांगजन चुनौतियों से लड़ने का हमे संदेश देते है। वाकई दिनेश की मेहनत से कृष्णकुंज में आध्यात्मिक वातावरण निर्मित होने लगा है।

सोच को बदलना होगा-सीताराम ध्रुव

कृष्णकुंज पिथौरा के प्रभारी वन रक्षक टीकाराम ध्रुव ने न्यूज़ टुडे/स्वाभिमान न्यूज टीम को बताया की दिनेश वर्मा एक कला पारखी दिव्यांगजन चित्रकार है। जिसके हूनर से कृष्णकुंज की शोभा बढ़ गई है। केवल इशारों के सहारे वह सारे कार्य को समझकर पूरा करने में निपूण है। एक समय ऐसा था जब हर कोई दिव्यांगजनों की असक्षमता एवं कमियों पर बेतुका सवाल करते थे अब इस तरह की धारणाओं को बदलने का समय आ गया है। इंसान होने के नाते परिस्थितियां और जीवन के हालात जरूर अलग होते है लेकिन उन्हे आजीविका जरिया प्रदान करके समाज की मुख्य धारा से जोड़ सकते है। आज के बदलते समाज में दिव्यांगजनों से जुड़े ऐसे कई रूढि़वादी अवधारणा और दकियानूसी सोच को बदलने की जरूरत है। दिनेश वर्मा जैसे दिव्यांग कलाकार के योगदान के लिए हमारा विभाग सदैव आभारी रहेगा।   

दिव्यांगजन अपना रास्ता स्वयं चुने-बीजू पटनायक

            दिव्यांग मित्र मंडल पिथौरा के संयोजक एवं सामाजिक कार्यकर्ता बीजू पटनायक ने न्यूज़ टुडे/स्वाभिमान न्यूज टीम से चर्चा करते हुए कहा कि दिव्यांगजन स्वयं अपना रास्ता बनाये अपने सपनों की दिशा में आत्मविश्वास के साथ बढ़ें और हमेशा अपनी कल्पना किये गए जीवन को ही जिये। प्रतिभा कभी भी किसी की मोहताज नहीं होती। आज निश्चित रूप से दिनेश वर्मा का सुंदर मनोहर चित्रांकन देखने को मिल रहा है। यह ईश्वर की एक विशेष कृपा दृष्टि है कि एक मूकबधिर श्रवणबधित दिव्यांगजन के करकमलों से भगवान श्री कृष्ण का घर कृष्णकुंज चमक और दमक रहा है। दिव्यांगजनों को सशक्तिकरण बनाने की दिशा में आगे बढ़ाने और आत्मनिर्भन बनाने के लिए उचित अवसर और प्रोत्साहन देने की जरूरत है। दिनेश वर्मा जैसे दिव्यांगजन होनहार कलाकार चित्रकार के रूप में हमारे समाज के लिए गौरवरत्न है।


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