भेंट मुलाकात के तहत मुख्यमंत्री महासमुंद जिले में रहेंगे 22 एवं 23 नवंबर को
पिथौरा विकासखंड के 2 गांवों में होगा कार्यक्रम
मुख्यमंत्री कर सकते हैं पिथौरा-सरायपाली को नया जिला बनाने की घोषणा ?
पिथौरा क्षेत्र को बड़ी सौगात मिलने की उम्मीद
बदलेगा राजनीतिक परिदृश्य
सांकरा को मिल सकता है तहसील का दर्जा
ज़ाकिर क़ुरैशी पिथौरा की
विशेष रिपोर्ट
पिथौरा(newstoday)प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का महासमुंद जिले के अंतर्गत 22 एवं 23 नवंबर को बसना एवं सरायपाली विधानसभा के अंतर्गत भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत कार्यक्रम तय होने के बाद से महासमुंद जिले की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।आगामी वर्षों में विधानसभा का चुनाव संभावित होने के कारण इस भेंट मुलाकात कार्यक्रम के अंतर्गत इस दौरे का राजनीतिक महत्व बहुत बढ़ गया है।
पिथौरा विकासखंड के 2 गांवों में होगा कार्यक्रम
मुख्यमंत्री के द्वारा निर्धारित ग्राम किशनपुर एवं ग्राम पिरदा दोनों ही पिथौरा विकासखंड के अंतर्गत आते हैं। इसके अलावा सरायपाली विधानसभा के अंतर्गत भंवरपुर एवं बलौदा गांव का चयन किया गया है। इस तरह से यह दौरा आगामी दिनों में एक नया राजनैतिक परिदृश्य की संभावना से भरपूर नजर आ रहा है।
विभागीय अधिकारियों द्वारा इस दौरे को लेकर व्यापक तैयारी प्रारंभ हो गई है महासमुंद जिले के सीमावर्ती गांव होने के कारण यह क्षेत्र हमेशा से ही उपेक्षित रहा है। इस कारण से इस क्षेत्र का समुचित विकास आज भी कोसों दूर है जहां तक पिथौरा क्षेत्र का सवाल है यह दो विधानसभा में विभक्त है आधा हिस्सा बसना विधानसभा और दूसरा हिस्सा खल्लारी विधानसभा में समाहित है 2 विधायकों के कार्यस्थली होने के कारण राजनीतिक दांव पेंच से यह इलाका कभी भी मुक्त नहीं रहा, लिहाजा राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते यहां के विकास कार्यों को वैसी गति नहीं मिल पाई जैसी मिलनी चाहिए थी आज भी पिथौरा तहसील मुख्यालय होने के बावजूद पूर्णकालिक अधिकारियों से जूझ रहा है।विस्तृत भौगोलिक क्षेत्र होने के कारण यहां स्थाई रूप से ना तो एसडीएम की नियुक्ति की गई है और ना ही तहसीलदार की नियुक्ति की गई है जिसके कारण प्रशासनिक कार्यों में निरंतर गिरावट आते जा रही है।
पिथौरा क्षेत्र को बड़ी सौगात मिलने की उम्मीद
बसना विधानसभा का पिथौरा एक महत्वपूर्ण हिस्सा है एवं महासमुंद जिले के हृदय स्थल में स्थित होने के कारण आगामी दिनों में इसके लिए महत्वपूर्ण सौगात मिलने की उम्मीद की जा रही है लोगों का ध्यान पिथौरा में एडिशनल अपर कलेक्टर की स्थापना अपर पुलिस अधीक्षक की मांग बिल्कुल जायज लगती है। वही पिथौरा को अंग्रेजी कॉलेज की सौगात मिल चुकी है लेकिन अभी भी खामियों के चलते महाविद्यालय का विधिवत शुभारंभ नहीं हो पाया है, जिससे कॉलेज में आज भी विद्यार्थी अपनी जायज मांगों को लेकर प्रतीक्षारत हैं।
मुख्यमंत्री कर सकते हैं पिथौरा-सरायपाली को नया जिला बनाने की घोषणा ?
इसके अलावा मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर लोगों में महासमुंद जिले को पृथक कर पिथौरा- सरायपाली के लिए नए जिले की मांग भी बलवती हो चुकी है। जिसकी शुरुआत सरायपाली से शुरू हो चुकी है। अब यह सवाल उठता है कि क्या मुख्यमंत्री इस दौरे में कहीं जिले के रूप में घोषणा तो नहीं करेंगे क्योंकि यह क्षेत्र भी जिला मुख्यालय से डेढ़ सौ किलोमीटर दूरी होने के कारण जिला होने के दावे को पुख्ता करता है।इसी तरह से राजनीतिक सरगर्मियां भी आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बढ़ाती जा रहा है।
सांकरा को मिल सकता है तहसील का दर्जा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रदेशव्यापी भेंट मुलाकात में ताबड़तोड़ घोषणाओं के चलते इस बार पिथौरा तहसील के अंतर्गत सांकरा राजस्व निरीक्षक मंडल को तहसील बनाने की कवायद भी तेज हो गई है। क्योंकि पूर्व से ही पिथौरा में नायब तहसीलदार सांकरा के पद पर पृथक से अधिकारी की तैनाती की गई है। सांकरा तहसील के अंतर्गत सांकरा,पिरदा एवं देवरी सर्किल को मिलाकर राजस्व तहसील के रूप में सांकरा को तहसील बनाया जा सकता है।चूंकि पिथौरा तहसील का कार्यक्षेत्र वृहद होने के कारण बिलाईगढ़ विधानसभा के सीमावर्ती गांव से विकासखंड पिथौरा का मुख्यालय लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर होने के कारण आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सांकरा को तहसील बनाने से पिथौरा से दूरी भी कम हो जाएगी और सांकरा का समुचित विकास हो सकेगा। क्योंकि मुख्यमंत्री ने पूर्व में कसडोल तहसील के अंतर्गत बिलाईगढ़ विधानसभा के अधिकांश हिस्से को लेकर सोनाखान तहसील की शुरुआत कर चुके हैं।वही खल्लारी विधानसभा के अंतर्गत बागबाहरा तहसील के उड़ीसा सीमावर्ती गांवों को मिलाकर कोमाखान को तहसील का दर्जा दे चुके हैं। इन दो घोषणाओं के चलते ही सांकरा को भी तहसील बनाने की मांग बलवती हो गई है। वर्तमान में पिथौरा तहसील के अंतर्गत 6 आरआई सर्किल कार्यरत हैं। जिसमें से तीन-तीन सर्किल का विभाजन पिथौरा एवं सांकरा में किया जा सकता है।पिथौरा तहसील के अंतर्गत पिथौरा,लहरौद एवं भुरकोनी आरआई सर्किल को शामिल कर सांकरा,देवरी एवं पिरदा को सांकरा तहसील में शामिल किया जा सकता है। चूंकि राष्ट्रीय राज मार्ग पर सांकरा की बसाहट होने के कारण विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
बदलेगा राजनीतिक परिदृश्य
वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल एक पुख्ता भावी उम्मीदवार के रूप में बसना विधानसभा के लिए अपना दावा ठोकने के लिए कमर कसकर तैयार हो गई है। यही कारण है कि पिथौरा विकासखंड के अंतर्गत इस गांव का चयन किया गया है। जो बसना विधानसभा के अंतर्गत समाहित है मुख्यमंत्री के इस भेंट मुलाकात के दौरान पिथौरा को कुछ ना कुछ सौगात मिलने की उम्मीद है, वहीं एक राजनीतिक परिदृश्य उभर कर सामने आएगा जो आने वाले दिनों में राजनीतिक कर्णधार के भविष्य को तय करेगा।