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Sunday, December 25, 2022

खेतों में जल रहा पराली,किसान पर्यावरण को पहुंचा रहे क्षति

 

खेतों में जल रहा पराली,किसान पर्यावरण को पहुंचा रहे क्षति


शासन प्रशासन के पास कोई ठोस योजना नहीं

मनमीत सिंह छाबड़ा "रिकी"

पिथौरा(newstoday)अक्टूबर-नवंबर आते ही देश में धान की फसल की कटाई हो जाती है। फसल की कटाई के बाद जो अवशेष बचता है, इसको पराली के नाम से जाना जाता है। ज्यादातर किसान पराली को जलाते हैं। जिस कारण छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में प्रदूषण चरम पर हो जाता है। इससे निपटने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य शासन के पास ऐसी कोई योजना नहीं है कि इससे पराली का सदुपयोग किया जा सके हालांकि छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान कृषकों से अनुरोध किया कि वे पराली को ना जलाकर इसे गौठान में दान कर दे जिससे प्रदूषण नहीं बढ़ेगा एवं उसका सदुपयोग होगा। 

    महासमुंद जिले के अंतर्गत विभिन्न विकास खंडों के ग्रामों में पराली दो जला दिया जाता है मुख्यमंत्री के दान करने की बात को भी किसान नजरअंदाज करते देखे जा रहे हैं। पिथौरा के समीप पप्पा गुरुद्वारा के सामने रात के अंधेरे में खेत में पराली जलाने का एक दृश्य कैमरे में कैद किया गया समाचार पोस्ट होने के कुछ मिनटों में पूर्व की यह तस्वीर है।


    हरियाणा की तरफ छत्तीसगढ़ देवी पराली को लेकर कोई ठोस योजना बनती तो किसान उससे अतिरिक्त आए प्राप्त कर सकते हैं।

    बताते चलें कि हरियाणा सरकार एक नया तरीका लेकर आई है. हरियाणा सरकार किसानों को पराली नहीं जलाने पर एक हजार रुपये प्रति एकड़ की रकम देगी. पराली जलाना पर्यावरण के लिए भी खतरा है इसलिए सरकार किसानों को ये समय-समय पर समझाने की कोशिश करती है.  पराली जलाने खतरा तो है लेकिन अगर किसान इसे समझदारी से यूज करते हैं तो इससे पैसा भी कमाया जा सकता है. इसलिए किसानों को पराली निस्तारण के लिए जागरूक किया जा रहा है। 

किसानों को कैसे होगा स्कीम का फायदा

हरियाणा सरकार की फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम में सीटू और एक्स सीटू मैनेजमेंट के तहत किसानों को एक हजार रुपये प्रति एकड़ की राशि मिलेगी. किसान इस योजना का लाभ हरियाणा सरकार की मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ले सकते हैं. इसके साथ ही हरियाणा सरकार पराली को एमएसपी पर खरीदना शुरु कर रही है. जिससे किसान पराली को बेचकर बढ़िया लाभ कमा सकते हैं।



क्या है इस स्कीम की खासियत

हरियाणा सरकार का मुख्य लक्ष्य किसानों को पराली जलाने के विकल्प को उपलब्ध कराना है. साथ ही इस योजना के तहत किसानों को आर्थिक लाभ भी मिले इसका भी सरकार ने ध्यान रखा है. हरियाणा सरकार पराली की गांठे बेलर मशीनों की मदद से बनाने का तरीका सिखाएगी. इन गांठों को किसान बेचकर अच्छा लाभ कमा सकता है. साथ ही मशीनों के माध्यम से कैसे धान की फानों को दबाया जा सकता है, इस तरीके को भी बताया जाएगा. हरियाणा सरकार फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के अंर्तगत मशीनों पर सब्सिडी भी दे रही है. इस स्कीम के तहत किसानों को कृषि की मशीनों पर 50 से 60 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है. जिसका उपयोग कर किसान आसानी से पराली का निपटान किया जा सकता है.

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