लव-कुश की जन्म स्थली तुरतुरिया में हजारों की संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु
परिसर में पानी,पार्किंग,पुलिस-ब्यवस्था,पालीथिन साफ-सफाई,की है दरकार
तुरतुरिया से लौटकर, शिव ठाकुर/जीवनलाल रात्रे
कसडोल(newstoday)विकासखण्ड कसडोल अन्तर्गत ग्राम पंचायत भिंभौरी से संबद्ध ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल तुरतुरिया में श्रद्धालु भक्तों व दर्शनार्थियों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है।वैसे से भी वर्षों पुरानी रीत रही है कि पौष पूर्णिमा मेला समय में हजारों की संख्या में यहां दर्शनार्थी व श्रद्धालु पहुंचते ही रहे हैं।पहाड़ी विराजित काली माता दरबार तो क्वांर नवरात्रि व चैत्र नवरात्रि में भक्तों की हजारों मनोकामना ज्योत से जगमग रहता है।किंवदंती है कि इस पवित्र स्थान में लवकुश का जन्म स्थान मना जाता है।जहां पर भी नवरात्रि ज्योत हजारों की संख्या में जलाई जाती है।इस दौरान भी यहां बड़ी संख्या में भक्त व दर्शनार्थियों का हुजूम उमड़ पड़ता है।इसके अलावा पुरातात्विक महत्व का स्थान भी है।
बार नवापारा अभ्यारण्य जैसे मसहूर पर्यटन स्थल के कोठारी परिक्षेत्र व समीपवर्ती परिक्षेत्र लवन की आपसी सीमाएं भी इस पवित्र स्थल तुरतुरिया से संलग्न है।वनाच्छादित इस क्षेत्र में वन्यजीव-जन्तुओं का भी अपना विशेष अस्तित्व हजारों सैलानियों का भी आकर्षण केन्द्र है।अब तो राम वन गमन परिपथ का भी हिस्सा हो बन गया है।ऐसे में यहां आगन्तुकों की संख्या के दृष्टिगत समुचित विकास का दरकार तो है ही।साथ ही साथ सबसे पहले इस पवित्र स्थान से उन बिखरी गंदगी व कचरों की साफ-सफाई आवश्यक है।जो इस साल 5 जनवरी से 7 जनवरी तक आयोजित पौष पूर्णिमा मेला अवसर पर उपयोग की सामग्रियों से निर्मित हुई हैं।जिसमें सिंगल युज प्लास्टिक या पालीथीन भी दिखाई पड़ते हैं।वहीं मातागढ़ पहाड़ी पर समुचित जलापूर्ति भी निहायत जरूरी है।जहां दो छोटी टंकियों को सोलर पाइप लाइन से भरने की व्यवस्था तो की गई है।लेकिन वहां तक ठीक से पानी नही पहुंच पा रहा।जिसके चलते दूर दराज से यहां काली माता की पूजा-अर्चना के लिए सैकड़ों सीढ़ी चढ़ कर पहाड़ी पहुंचने वाले कई प्यासे श्रद्धालु भक्तों को पानी के लिए जुझना पड़ता है।रविवार 22 तारीख को भी यहां हजारों की संख्या में दर्शनार्थी व श्रद्धालु पहुंचे थे।इस दौरान दोपहर में काली माता दरबार पहुंचे कई श्रद्धालुओं को पहाड़ी पर टंकी में पानी नही होने की शिकायतें सुनाई दी।
मौके पर मौजूद खुड़मुडी़ सरपंच योगेश कश्यप के साथ सेवा में लगे लोगों से पता चला कि यहां पानी पूर्ति के लिए पीएचई विभाग को कहा गया है।फिलहाल अभी सोलर पाइप लाइन से यहां टंकियों में पानी पहुंचता है।लेकिन बदली या फिर इस पाइप लाइन से जुड़े अन्य नीचे की टंकी में पानी आपूर्ति अधिक होने से यहां तक ठीक से पानी नही चढ़ पाता है।ऐसी स्थिति में कंधे से कांवर में यहां पानी ढोकर आपूर्ति करते हैं।उनका कहना है कि यहां के लिए एक अलग से सोलर पाइप लाइन कनेक्शन के साथ ही आपातकालीन सुविधा के लिए एक जनरेटर की भी आवश्यकता है।
बताया जाता है कि यहां नया साल से हरदिन हजारों श्रद्धालु व दर्शनार्थी पहुंच रहे हैं।शनिवार-रविवार के दिन तो मोटर साइकिल के अतिरिक्त करीब-करीब हजार भर विभिन्न प्रकार के चार पहिया वाहनों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से भी आते हैं।इसके सिवाय सैकड़ों छोटी-छोटी विभिन्न तरह की दुकानों से लोगों को रोजगार मिला हुआ है।
अर्जी तो बस यही है कि इस तुरितुरिया का लोकहित में विकास किया जाए।इसके लिए संसाधन जुटाने प्रस्ताव लाकर चाहे यहां के चढ़ावे के रूपयों का उपयोग कर या फिर किसी अन्य सरकारी मद स्वीकृति हो।बहरहाल तात्कालिक मूलभूत सुविधाओं में साफ-सफाई,पानी,पार्किंग,देखरेख एवं पुलिस व्यवस्था महत्वपूर्ण है।