बारनवापारा अभयारण्य, वन भैंसा के कुनबे में हुआ इजाफा 2 से अब हुए 6 - newstodaylive

Breaking

Translate

Post Top Ad

Sunday, April 16, 2023

बारनवापारा अभयारण्य, वन भैंसा के कुनबे में हुआ इजाफा 2 से अब हुए 6


बारनवापारा अभयारण्य, वन भैंसा के कुनबे में हुआ इजाफा 2 से अब हुए 6

ज़ाकिर कुरैशी/शिव ठाकुर

बार नवापारा(newstoday)अभ्यारण्य अन्तर्गत कोठारी परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 169 खैरछापर में वन विभाग द्वारा निर्मित 10 हेक्टेयर रकबे के वन भैंसा संरक्षण एवं संवर्धन केन्द्र के बाडे़ में शनिवार 15 अप्रैल की देर शाम छत्तीसगढ़ प्रदेश अन्तराज्यीय असम के मानस टाइगर रिजर्व से परिवहन कर लाए गए चार नग मादा वन भैंसों को वन विभाग के आलाधिकारियों एवं पशुचिकित्साधिरियों की मौजूदगी में छोड़ा गया।विभाग द्वारा इसके पहले भी साल 2020 में असम मानस टाइगर रिजर्व से ही इसी तरह परिवहन कर लाए गए वन भैंसा का एक नर-मादा जोड़े को इस वन भैंसा संरक्षण एवं संवर्धन केन्द्र के बाड़े में ही छोड़ कर पालन-पोषण किया जा रहा है।

शनिवार 15 अप्रैल को असम से लाकर बाड़े में छोड़ा गया है

   इस वन भैंसा संरक्षण एवं संवर्धन केन्द्र के बाड़ों में पूर्व में छोड़े गए एक नर-मादा जोड़े मिलाकर अब पांच मादा एवं एक नर वन भैंसा सहित कुल संख्या छह हो गई है। शनिवार 15 अप्रैल की देर शाम छोड़े गए चार नग मादा वन भैंसों को छोड़े जाने के बाद बारनवापारा वापस लौटे कसडोल पशु शल्यज्ञ चिकित्सा अधिकारी डॉ लोकेश वर्मा ने कहा कि बारी-बारी से एक-एक कर सभी करीब दो-ढाई साल उम्र के मादा वन भैंसों को वहां बने स्थान में छोड़े गए।यह प्रक्रिया करीब 7-8 बजे देर शाम पुरी की गई।फिलहाल तीन दिनों की सफर से थोड़ा स्ट्रेस है।बाकी ठीक है।

अधीक्षक एवं परिक्षेत्र अधिकारी ने दी जानकारी

     वहीं इधर आला अधिकारियों द्वारा जारी किए जाने वाले प्रेस नोट के हवाले व अधिकृत नही होने की बात रखते चार नग छोड़ें गए मादा वन भैंसों के संबंध में वन अधीक्षक बारनवापारा आनंद कुदरिया व परिक्षेत्र अधिकारी कृषाणु चन्द्राकार कहते हैं कि सभी स्वस्थ हैं।पीसीसीएफ सुधीर अग्रवाल ,एपीसीसीएफ श्री कौशलेंद्र एवं उपस्थित पशुचिकित्साधिकारियों की टीम के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में वन भैंसों को यहां छोडा़ गया है।बाद में आगे उच्च अधिकारियों के दिशानिर्देश मिलने पर इन वन भैंसों को गरियाबंद उदंती टाइगर रिजर्व सिफ्ट किया जा सकता है।

   प्रेस विज्ञप्ति जारी की

   प्रेस नोट के हवाले से कहा गया है कि राजकीय पशु वन भैंसों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए असम राज्य से 04 मादा वनभैसों को छत्तीसगढ़ राज्य के बारनवापारा अभ्यारण्य के परिक्षेत्र कोठारी के कक्ष क्रमांक 169 खैरछापर के 10 हेक्टेयर बाड़ा में 4 नग क्राल निर्मित कर रखा जा रहा है।वर्तमान में उदन्ती सीतानदी टायगर रिजर्व में विद्यमान वन भैंसों में केवल नर वन भैंसा ही बचे हैं एवं देश के मध्य भारत में वन भैंसें विलुप्त के कगार में हैं।इस हेतु माह फरवरी 2023 से वन विभाग छत्तीसगढ़ की टीम मानस टाइगर रिजर्व असम में जाकर सर्वेक्षण का कार्य किया।तदोपरान्त भारत शासन से अनुमति प्राप्त कर बोमा का निर्माण कर 4 मादा वन भैंसों को सफलता पूर्वक कैप्चर किया गया।इन वन भैंसों का सैम्पल डी.एन.ए. एवं नस्ल शुद्धता की परीक्षण हेतु भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून भेजा गया।जहां परीक्षण उपरांत सकारात्मक रिपोर्ट आने के पश्चात ही उक्त 4 मादा वन भैंसों को 1700 कि.मी. दूरी से लाकर बारनवापारा अभ्यारण्य के वन भैंसें बाड़े में लाया गया है।इस हेतु बाड़े में लगभग 100 वर्ग मीटर में 4 क्राल का निर्माण किया गया है।इन चारो क्राल में पृथक-पृथक लोटान हेतु वाटर बॉडी का निर्माण किया गया है तथा ग्रीष्म ऋतु में गर्मी से बचाव हेतु झोपड़ी निर्माण किया गया है।वन भैंसों की सुरक्षा हेतु अनुकूलन के उद्देश्य से बाड़े के चारो ओर ग्रीन नेट तथा घांस की चटाई से क्राल को घेरा गया है।साथ ही साथ वनभैंसों को खाद्य हेतु 1-1 हेक्टेयर के तीन जगहों पर हरे चारे की आपूर्ति हेतु नेपीयर घांस व मक्का लगाया गया है।हरे चारे के साथ-साथ अन्य पोषक खाद्य की व्यवस्था की गई है।उपरोक्त अद्वितीय कार्य सी.सी.एम.बी. हैदराबाद एवं भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के मार्ग दर्शन एवं पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. राकेश वर्मा एवं डॉ. पी.के. चंदन के निर्देशन में किया जा रहा है।पशु चिकित्सकों के निगरानी में इनके स्वास्थ्य एवं प्रजनन के कार्य किया जाना है।

मुख्यमंत्री एवं वन मंत्री ने दी वन विभाग को शुभकामनाएं

      माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं माननीय वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने इस कार्यक्रम के अवसर पर पूरे प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए राजकीय पशु वन भैंसों के बारनवापारा अभ्यारण्य आगमन पर प्रसन्नता व्यक्त की एवं अपने संबोधन में कहा कि असम राज्य से लाये गये वन भैंसों से राजकीय पशुओं की संख्या में वृद्धि होगी एवं राजकीय पशु की संरक्षण एवं संवर्धन में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगी। कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु समस्त अधिकारियों एवं टीम को शुभकामनाएँ दी।

Post Top Ad

ad inner footer