समाज है तो संस्कृति है,संस्कृति ही समाज की पहचान है
जीवन लाल रात्रे
कसडोल(newstoday)आज 20 अगस्त रविवार को सर्व आदिवासी समाज ने विश्व आदिवासी मूलनिवासी परब(तिहार)नगर भवन कसडोल में कार्यक्रम आयोजित कर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में इस आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित सभी मंचासीन अतिथियों का समाज प्रमुखों सगाजनों ने हल्दी पियर चाउर का तिलक लगाकर स्वागत अभिनन्द किया गया।इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों में अकबर राम कोर्राम प्रदेश अध्यक्ष,हरवंश मिरी,सविता साय रहे।कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेश कुमार पैकरा ब्लॉक अध्यक्ष,व गौर सिंह पैकरा ने की।विशिष्ट अतिथियों में रमेश चंद्र श्याम,सतीश नेताम,असनिंद सरपंच रामचंद ध्रुव,व प्रताप नाग रहे।वही अतिथि गणों में संत कुमारी बरिहा,फगुलाल बिंझवार,बुंदलाल बरिहा,रमेश ध्रुव,के साथ-साथ महिलाओं, पुरुषों सहित सैकड़ों सर्व आदिवासी समाज के लोक-जन शामिल रहे।इस मौके पर परब तिहार में सर्व आदिवासी समाज जनों ने एकल मंच में अपने ईष्ट देवों के साथ ही अपने पारंपरिक अस्त्र-शस्त्रों में भाला, तीर-कमानों आदि को विधिवत पूजा-अर्चना भी की साथ में अमर शहीद सपूतों के जयघोष की गीत-नारों के साथ महारानी दुर्गावती,बिरसा मुंडा,वीरनारायण सिंह समेत सभी अमर शहीदों को याद कर मंच पर स्थापित दीप प्रज्वलित कर छाया चित्रों में माल्यार्पण कर नमन वंदन किया गया।और प्रकृतिशक्ति देवस्वरूप पांच ज्योति कलश के समक्ष नतमस्तक होकर सर्वमंगल कामना की गई आदिवासी कला-संस्कृतियों का दौर सुबह से देर कार्यक्रम तक चलता रहा कर्मा नृत्य कलाओं के साथ-साथ धर्म-संस्कृति सम्बद कई साँस्कृतिक कार्यक्रमों की आभा मन को मोह कर मंत्र मुग्द किये।साथ ही स्थलों में बिखरी बाजे-गाजे के साथ अपने श्रृंगारित वेशभूषा में नाचते-गाते आदिवासियों ने नगर भ्रमण आकर्षण का केन्द्र रहा।