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Monday, October 16, 2023

गौरीशंकर अग्रवाल को प्रत्याशी नहीं बनाये जाने पर भाजपा को होगा भारी नुकसान साथ ही अन्य विधासभाओ में भी असर पड़ सकता है


 गौरीशंकर अग्रवाल को प्रत्याशी नहीं बनाये जाने पर भाजपा को होगा भारी नुकसान साथ ही अन्य विधासभाओ में भी असर पड़ सकता है

जीवन लाल रात्रे

कसडोल 16 अक्टूबर-छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी का नारा बदलबो,बदलबो ये दारी कांग्रेस सरकार ल बदलबो कांग्रेस की सरकार 2023 की चुनाव में बदलेगी या नही यह तो मतदाता तय करेगी जो चुनाव सम्पन्न होने के बाद स्पष्ट होगा।परंतु भारतीय जनता पार्टी के द्वारा कसडोल विधानसभा क्षेत्र के सक्रिय एवं विकास पुरुष का दर्जा प्राप्त कर चुका पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल को बदल कर किसी अन्य को कसडोल विधानसभा से भाजपा की प्रत्याशी बनाये जाने पर पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है।गौरीशंकर अग्रवाल को प्रत्याशी घोषित नहीं करने से भाजपा समर्थित लोगों का कहना है कि गौरीशंकर अग्रवाल पिछला चुनाव  2018 का भारी वोटों की अंतर से हारा है शायद इसी को मुद्दा बनाकर इन्हें अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है इस पर क्षेत्र की जनता ने अपना प्रतिक्रिया ब्यक्त करते हुए कहा कि पिछला 2018 के पूर्व प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूर्ण बहुमत पर थी जो 2018 की चुनाव में मात्र 15 सीटों पर सिमट कर रह गई है इससे साफ जाहिर होता है कि छत्तीसगढ़ की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को पूरी तरह से नकार दिया है इसलिए भारतीय जनता पार्टी को छत्तीसगढ़ में चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।

साथ ही लोगों ने कहा कि परिवर्तन की लहर के कारण छत्तीसगढ़ में भाजपा की सीट कम हुई है सिर्फ गौरीशंकर अग्रवाल ही चुनाव नहीं हारा है।बल्कि प्रदेश के 75 सीटों में चुनाव हार चुका है।

इसी क्रम में लोगों ने कहा है कि परिवर्तन की लहर में 1977 देश के प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी भी चुनाव हार गई थी।

लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि विधानसभा सभा अध्यक्ष प्रायः चुनाव हारते आया है इस बात को जानते हुए भी गौरीशंकर अग्रवाल ने विधानसभा अध्यक्ष बना और इस टोटका को मिटाने के लिए कसडोल विधानसभा में भारी विकास कार्य कराया है जिसे  क्षेत्र की जनता विकास पुरूष के रूप में स्वीकार कर पुनः भाजपा से प्रत्याशी बनाये जाने की मांग लगातार कर रहे हैं।

गौरीशंकर अग्रवाल की सक्रियता कसडोल विधानसभा के साथ-साथ आसपास के विधानसभा बिलाईगढ़,बलौदाबाजार,बसना,पामगढ़, जांजगीर-चांपा एवं भाटापारा सहित छत्तीसगढ़ के अन्य विधानसभा में भी देखने को  मिलते रहा है जहाँ इनके समर्थकों की लंबी फेहरिस्त है।इसलिए यदि गौरीशंकर अग्रवाल को प्रत्याशी नहीं बनाया जाता है तो इसका असर कसडोल विधानसभा के साथ-साथ अन्य विधानसभाओं में भी पड़ सकता है।

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