भागवत कथा ज्ञान की प्राप्ति क्रोध,लोभ,मोह,हिंसा,आदि का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करनी चाहिए-महाराज हिमांशु कृष्ण भारद्वाज - newstodaylive

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Friday, October 18, 2024

भागवत कथा ज्ञान की प्राप्ति क्रोध,लोभ,मोह,हिंसा,आदि का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करनी चाहिए-महाराज हिमांशु कृष्ण भारद्वाज


 भागवत कथा ज्ञान की प्राप्ति क्रोध,लोभ,मोह,हिंसा,आदि का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करनी चाहिए-महाराज हिमांशु कृष्ण भारद्वाज

तीसरे दिन की कथा श्रवण करने पहुंचे पूर्व विस अध्यक्ष गौरी शंकर अग्रवाल 

 

   जीवन लाल रात्रे कसडोल(न्यूज टुडे)नगर भवन मैदान में कसडोल में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद भागवत महापुराण कथा केतीसरे दिन कथा वाचक पं. हिमांशु कृष्ण भारद्वाज जी महराज ने शुकदेव महराज की जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि कैलाश पर्वत पर भगवान महादेव ने माता पार्वती को अमर कथा सुना रहे थे।जिससे माता पार्वती का ध्यान भटक गया इसलिए उन्हें अमरत्व की प्राप्ति नहीं हो सका। किन्तु वही पर एक पेड़ में बैठा शुक अमर कथा को आस्था एवं आत्म विश्वास के साथ सुनकर अमरत्व को प्राप्त हो गया। जो महर्षि वेद व्यास की पत्नी के गर्भ मनुष्य के रूप में जन्म लिया।शुकदेव महराज बालक के रूप में जन्म लेते ही सीधे चलने लगा।


जिसे रोकने एवं बालक के मुख दर्शन करने के लिए बेद व्यास उनके पीछे पीछे चलने लगा किन्तु बालक रुका नहीं आगे बढ़ते रहा तथा भगवान महादेव ने महर्षि वेद व्यास को कहा कि भीमद् भागवत कथा का वाचन करो तब उसे सुनने के लिए स्वयं सुकदेव महराज आऐगे और ऐसा ही हुआ स्वयं सुकदेव महाराज वापस आए और भीमद भागवत महापुराण के  अठठारः हजार श्लोकों की रचना कर वर्णन किया।कथा वाचक पं. हिमांशु भारद्वाज जो कहा कि मीमद भागवत महापुराण कथा के प्रभाव से पुत्र एवं पिता का भी मिलन हो जाता है।आगे कथावाचक हिमांशु कृष्ण भारद्वाज महाराज उत्तर प्रदेश बुलंद शहर ने कहा कि मनुष्य जीवन में जाने अनजाने प्रतिदिन कई पाप होते है। उनका ईश्वर के समक्ष प्रायश्चित करना ही एक मात्र मुक्ति पाने का उपाय है। उन्होंने ईश्वर आराधना के साथ अच्छे कर्म करने का आह्वान किया।कथावाचक हिमांशु कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि मनुष्य जीवन में जाने अनजाने प्रतिदिन कई पाप होते है। उनका ईश्वर के समक्ष प्रायश्चित करना ही एक मात्र मुक्ति पाने का उपाय है। उन्होंने ईश्वर आराधना के साथ अच्छे कर्म करने का आह्वान किया।स्थानीय कसडोल नगर मैदान में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने जीवन में सत्संग व शास्त्रों में बताए आदर्शों का श्रवण करने का आह्वान करते हुए कहा कि सत्संग में वह शक्ति है,जो व्यक्ति के जीवन को बदल देती है।उन्होंने कहा कि व्यक्तियों को अपने जीवन में क्रोध, लोभ,मोह,हिंसा,संग्रह आदि का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए।कथा के दौरान आगे कहा कि भगवान के नाम मात्र से ही व्यक्ति भवसागर से पार कर जाता है। उन्होंने भगवत कीर्तन करने,ज्ञानी पुरुषों के साथ सत्संग कर ज्ञान प्राप्त करने व अपने जीवन को सार्थक करने का आह्वान किया।आज जिला पंचायत सभापति नवीन मिश्रा द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा को सुनने के लिए पूर्व विधान सभा अध्यक्ष गौरी शंकर अग्रवाल जिला सहकारी बैंक रापपुर के अध्यक्ष-योगेश चंद्राकर सहित हजारो महिला पुरुष उपस्थित रहे।

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