जीवन लाल रात्रे-कसडोल(न्यूज टुडे)3 अक्टूबर को शारदेय नवरात्रि का प्रारंभ हो रहा है जिसे लेकर गांव सहित शक्तिपीठों में तैयारियां जोरों पर चल रही है वहीं बारनवापारा के समीप कसडोल जनपद पंचायत के अंतर्गत संचालित मां जन्मदात्री के रूप में विख्यात मातागढ़ तुरतुरिया में तैयारियां जोरों पर चल रही है।ग्राम पंचायत भिंभोरी सचिव श्यामानंद साहू ने बताया की मतागढ़ ऊपर मंदिर परिसर की चारों तरफ साफ सफाई लीपा पोती रंग रोहन का कार्य में समिति के सदस्य व श्रद्धालु जुटे हुए हैं।वही मातागढ़ ऊपर में चढ़ने वाली सीढ़ियों को विशेष आकर्षक रंगों से लीपा पोती की गई है जो पर्यटकों को खूब लुभा रही है।वही परिसर के अंदर लाईट का भी उच्चतम व्यवस्था की जा रही है।श्रद्धालुओं की हर एक जरूरत को ध्यान में रखते हुए इस बार समिति द्वारा पानी की भी उच्चतम व्यवस्था की जा रही है।श्रद्धालुओ के लिए दान पेटी,नारियल तोड़ने,पुष्प,चुनरी, अगरबत्ती तक की जलाने की जगह की उच्चतम व्यवस्था की गई है ताकि किसी को माता के दर्शन लाभ के दौरान कोई परेशानी न हो करके।वही महर्षि वाल्मीकि जी की बरगद के नीचे की गई स्थापना के चारों तरफ भी पूरे तुरतुरिया परिसर में विशेष साफ सफाई का काम नवरात्रि को लेकर का कार्य तेजी किया जा रहा है।बताते चलें कि मातागढ़ में शारदीय नवरात्रि व चैत्र नवरात्रि में दूर दूर से लाखों श्रद्धालु अपनी मन की मुराद पाने के लिए यहां आते हैं और अपनी इच्छा अनुसार ज्योति जलाकर मां जगदम्बा का आशीर्वाद पाते हैं।किंवदंती है कि पौराणिक कथा के अनुसार प्रभु श्री राम के दोनों पुत्र लव और कुश का जन्म तुरतुरिया में होना बताया जाता है यह स्थल महर्षिबाल्मीकि का तपोभूमि भी है।यह स्थल बालमदेही नदी के किनारे पर पहाड़ियों के खूबसूरत नजारों के साथ बसा हुआ है जो पानी की तुर तुर की ध्वनि से नामित है।
मातागढ़ तुरतुरिया में शारदेय नवरात्रि को लेकर साफ-सफाई एवं तैयारियां जोरों पर