तुरतुरिया में पुलिस सहायता केन्द्र का आज हुआ शुभारंभ: मांस-मदिरा और अशांति पर लगेगा लगाम
जनप्रतिनिधियों की मांग हुई पूरी, धार्मिक स्थल की सुरक्षा होगी सुनिश्चित
जीवनलाल रात्रे कसडोल(न्यूज़ टुडे)छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल तुरतुरिया, जो संतानदात्री मातागढ़ और लव-कुश की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है, इन दिनों मांस-मदिरा और लड़ाई-झगड़ों के कारण चर्चा में है। क्षेत्र में बढ़ती इन घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कई बार कदम उठाए, लेकिन प्रशासन द्वारा ठोस पहल नहीं की गई थी।
अब, छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में तुरतुरिया में एक नई पुलिस चौकी स्थापित करने की घोषणा की है। 26 दिसंबर 2024 को इस संबंध में आधिकारिक पत्र जारी किया गया, जिसमें तुरतुरिया का नाम भी शामिल है।आज रविवार 29 दिसंबर को पुलिस सहायता केन्द्र प्रारंभ होने से क्षेत्र वासियों में हर्ष है।
तुरतुरिया का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
तुरतुरिया में मातागढ़ में सालभर श्रद्धालु और पर्यटक आते रहते हैं। यहां चैत्र और क्वांर में ज्योति प्रज्ज्वलित की जाती है और पौष मास में मेले का आयोजन होता है। विशेष रूप से मातागढ़ में संतान प्राप्ति की मन्नत मांगने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं। मन्नत पूरी होने पर श्रध्लु यहाँ पुनः पहुंच कर श्रद्धा,भक्ति से शीष नवाते है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों का प्रयास
तुरतुरिया में पुलिस चौकी की मांग को लेकर खुड़मुड़ी और भींभोरी पंचायतों के सरपंचों, जैसे श्रीमती पुष्पा जनक ठाकुर और श्री योगेश कुमार कश्यप, ने सचिव श्यामानंद साहू के साथ मिलकर जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा था।
पुलिस चौकी से संभावित लाभ
पुलिस चौकी की स्थापना से:
1. कानून-व्यवस्था में सुधार होगा।
2. क्षेत्र में मांस-मदिरा और बलि प्रथा पर नियंत्रण लग सकता है।
3. श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सुरक्षित वातावरण बनेगा।
4. धार्मिक स्थल की गरिमा और सुरक्षा को बनाए रखा जा सकेगा।
तुरतुरिया में पुलिस चौकी स्थापित होने से यह ऐतिहासिक स्थल शांतिपूर्ण और सुरक्षित धार्मिक केंद्र बनेगा।
इस अवसर पर कसडोल थाना प्रभारी रितेश मिश्रा सहित पुलिस स्टॉप एवं तुरतुरिया ठेकेदार लोकनाथ रात्रे,स्थानीय जनप्रतिनिधि व मेला समिति के लोग मौजूद रहे।