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Monday, October 27, 2025

जगन्नाथ मंदिर में सुना गया "मन की बात" का 127वां संस्करण

 जगन्नाथ मंदिर में सुना गया "मन की बात" का 127वां संस्करण

स्वदेशी जीवनशैली अपनाने ली गई शपथ 


पिथौरा। नगर की पुरातन धरोहर जगन्नाथ मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” के 127वें संस्करण को सामूहिक रूप से सुना गया। कार्यक्रम के दौरान आत्मनिर्भर भारत - विकसित भारत के संकल्प के साथ “हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी” का संदेश दिया गया। इस मौके पर उपस्थित नागरिकों से स्वदेशी संकल्प पत्र भरवाकर स्वदेशी जीवनशैली अपनाने की शपथ दिलाई गई।


इस बार के संस्करण में प्रधानमंत्री ने चर्चा की शुरुआत छठ महापर्व से की। उन्होंने कहा कि यदि अवसर मिले तो सभी लोग छठ उत्सव में एक बार अवश्य भाग लें, क्योंकि यह भारत की सामाजिक एकता, सांस्कृतिक गौरव और सामूहिक आस्था का अत्यंत सुंदर उदाहरण है। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले एपिसोड में उन्होंने त्योहारों पर स्वदेशी सामान खरीदने और आत्मनिर्भर भारत को मजबूत बनाने की अपील की थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छठ महापर्व संस्कृति, प्रकृति और समाज के बीच गहरी एकता का प्रतीक है। छठ के घाटों पर समाज का हर वर्ग एक समान रूप से खड़ा होता है, जो भारत की सामाजिक एकता की सजीव तस्वीर प्रस्तुत करता है।


उन्होंने कार्यक्रम के दौरान ओडिशा की प्रसिद्ध कोरापुट कॉफी का भी उल्लेख किया और कहा कि इसका स्वाद अद्भुत है तथा कॉफी की खेती से स्थानीय किसानों और युवाओं को आर्थिक लाभ मिल रहा है।

इसके साथ ही उन्होंने ‘वन्देमातरम्’ के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि मां भारती के प्रति प्रेम, ऊर्जा और कर्तव्य का भाव है। प्रधानमंत्री ने बताया कि 7 नवंबर को वन्देमातरम् के 150वें वर्ष के उत्सव में प्रवेश होगा। यह गीत 150 वर्ष पूर्व रचा गया था और 1896 में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इसे पहली बार स्वरबद्ध कर गाया था।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नगर पंचायत अध्यक्ष देवेश निषाद, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पार्षद मन्नूलाल ठाकुर, पूर्व मंडल अध्यक्ष नरेश सिंघल, रैदास गोयल, सांसद प्रतिनिधि मनमीत छाबड़ा, अंजलि पाण्डेय, पार्षद संदीप सेन, पार्षद संतोष डड़सेना, सुरेन्द्र पाण्डेय, रमेश पटेल, किशोर पटेल, सोहन निषाद, पुष्पराज गजेंद्र, आनंदी डड़सेना, चंद्रपाल तारक, लीलाधर तारक, देवकुमार सिन्हा, इंद्रेश्वर सिन्हा, देवनारायण पटेल सहित अन्य उपस्थित थे। 

कार्यक्रम के अंत में भगवान जगन्नाथ को भोग अर्पित कर प्रसाद का वितरण किया गया।

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